कोरोना संकट: यूपी में 11 हज़ार क़ैदी छोड़े जायेंगे, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली है अंतरिम ज़मानत
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रकते हुए योगी सरकार ने ये फैसला किया है. इस महामारी से निपटने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है.

लखनऊ: यूपी की योगी सरकार ने भी अब जेल से क़ैदियों को छोड़े जाने का फ़ैसला किया है. शुरूआत में 11 हज़ार क़ैदियों को रिहा करने का एलान किया गया है. आठ महीने तक ये सब अपने घर परिवार के साथ रह पायेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर क़ैदियों को अंतरिम ज़मानत दी गई है. कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए योगी सरकार ने ये फ़ैसला किया है. ये तय हुआ है कि जिस अपराध के लिए 7 साल तक की सजा हो सकती है. उन्हें ही ये सुविधा दी जाए. जेल विभाग की बैठक के बाद ऐसे 8500 क़ैदियों की पहचान हुई है. इसके अलावा 2500 ऐसे क़ैदी पेरोल पर छोड़े जायेंगे जिन्हें सजा हो चुकी है.
कोरोनावायरस के ख़तरे को लेकर योगी सरकार हर उपाय कर रही है. दिल्ली से चल कर अपने गांव लौट रहे लोगों की भीड़ के बीच जेल में भीड़ कम करने का फ़ैसला हुआ है. इसी मामले पर आज लखनऊ में एक मीटिंग हुई.
राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और जेल विभाग के डीजी आनंद कुमार समेत कई सीनियर आईपीएस अफ़सर शामिल हुए. जिसमें क़ैदियों को रिहा करने का फ़ैसला लिया गया. बैठक के बाद यूपी के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी जानकारी दी. यूपी से पहले मध्य प्रदेश में भी क़ैदियों को अंतरिम ज़मानत पर छोड़ने का फ़ैसला किया जा चुका है. लेकिन वहां 5 साल तक की सजा वाले अपराध के आरोपियों को ये छूट दी गई है.
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