बेबस मजदूरों की बस पर सियासत और तेज़, प्रयागराज के कांग्रेसियों ने राष्ट्रपति को लिखी खून से चिट्ठी
बसों की सियासत थम नहीं रही है. कांग्रेस ने सरकार पर भेदभाव बरतने का आरोप लगाया है. यही नहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरे मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग की है

प्रयागराज, एबीपी गंगा। यूपी में पैदल चल रहे बेबस प्रवासी मजदूरों की बसों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच छिड़ी सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस मामले में भेदभाव व उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से दखल दिए जाने की मांग की है. नेहरू -परिवार के पैतृक शहर प्रयागराज के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस मसले को लेकर आज राष्ट्रपति को खून से चिट्ठी लिखी है और उनसे इंसाफ की गुहार लगाई है. आनंद भवन के गेट पर इकठ्ठा हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पहले निडिल से अपना खून निकाला और उसके बाद इसी खून से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है.
राष्ट्रपति को भेजी गई खून भरी चिट्ठी में कहा गया है कि बीजेपी की सरकारें कोरोना की इमरजेंसी में भी सियासत कर रही हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव व उत्पीड़न कर रही हैं. दलील यह दी गई कि प्रवासी मजदूर बेबसी की ज़िंदगी जी रही हैं. सैकड़ों किलोमीटर का सफर उन्हें पैदल तय करना पड़ रहा है. प्रियंका गांधी ने जब एक हज़ार बसों का इंतजाम किया तो उनका इस्तेमाल करने के बजाय सियासी तीर चलाए जा रहे हैं. पहले प्रियंका गांधी के निजी सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और फिर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.
इतना ही नहीं पीएम केयर फंड के बारे में सवाल उठाने पर कर्नाटक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी. खून से लिखे खत में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई है कि वह इन मामलों में दखल दें और लोकतंत्र की हत्या होने से बचाएं. राष्ट्रपति से सोनिया गांधी व अजय लल्लू के खिलाफ दर्ज मुक़दमे भी रद्द किये जाने की मांग की गई है.
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