छत्तीसगढ़ः विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने किया हंगामा, रमन सिंह समेत विपक्ष के सभी विधायक काले कपड़े पहन कर पहुंचे
छत्तीसगढ़ में आज विधानसभा सत्र का दूसरा दिन था. सत्र के दौरान विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. जिस दौरान कुछ विधायकों को निलंबित कर दिया गया. पूर्व मुख्य मंत्री रमन सिंह समेत विपक्ष के सभी विधायक काले कपड़े पहन कर विधानसभा पहुंचे थे.

रायपुरः छत्तीसगढ़ में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. आज बजट सत्र का दूसरा दिन था. दूसरे दिन ही विपक्ष ने ज़ोरदार हंगामा कर दिया . दरअसल इस साल की धान खरीदी की तारीख़ ख़त्म हो चुकी है. इसके बाद भी प्रदेश में कई जिलों में किसान धरने पर बैठे हैं. कवर्धा ज़िले में किसानों ने नेशनल हाइवे सड़क को तीन दिन तक जाम कर रखा है. इसके अलावा कोंडागांव ज़िले में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया है. बीजेपी का कहना है कि प्रदेश के 1 लाख 34 हज़ार किसान ऐसे हैं जिन्होंने अभी धान नहीं बेचा है. ऐसे में प्रदेश सरकार पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है .
आज विधानसभा भवन में बीजेपी, जनता कांग्रेस और बसपा के विधायक काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे. इनकी मांग थी कि किसानों की धान ख़रीदी की तारीख़ को बढ़ाया जाए. इसी बात पर संयुक्त विपक्ष विधानसभा में हंगामा करने लगा. हंगामा इतना बढ़ गया कि विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. विपक्ष के विधायकों का हंगामा इतना बढ़ गया कि उन्हें निलम्बित भी करना पड़ा.
धान खऱीदी के मुद्दे पर सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया गया है. भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसान आत्महत्या करने की अनुमति मांग रहे हैं. उनका कहना है सरकार बने अभी एक साल ही हुए हैं और किसान आत्महत्या की अनुमति मांग रहे हैं. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर पूरे दिन भूपेश सरकार पर हमलावर रहे.
उधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हंगामे के बीच बोले की उनकी सरकार किसान के मामले में चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन बीजेपी के इतने वरिष्ठ विधायक होने के बाद भी संसदीय परंपरा का पालन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के विधायक चर्चा से भाग रहे हैं. विधानसभा भवन में काफ़ी देर तक ये बहस चलती रही. पूरा विपक्ष इस बात पर अड़ा रहा की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बचे हुए धान को ख़रीदने की घोषणा करें. जबकि सरकार की रणनीति ये थी कि विपक्ष को इस मसले पर विस्तार से जानकारी दी जाए ताकि विपक्ष की रणनीति फेल हो जाए .
जब बात नहीं बनी तो विपक्ष के सभी विधायक नारेबाज़ी करते हुए बाहर निकल गए. उन्होंने परिसर में बने गांधी प्रतिमा के पास पहुँचकर सरकार के विरोध में नारेबाज़ी की. प्रदेश में कई ज़िलों में किसान अभी भी सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार इन धरने प्रदर्शनों को बीजेपी प्रायोजित बता रही है. वहीं धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में धान के मुद्दे को बीजेपी कितना अपना बना पाती है और सरकार अपने को कितना किसान हितैषी बता पाने में सफल होती है ये आने वाले वक़्त में पता चलेगा .
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