राष्ट्र के नाम पीएम मोदी के संबोधन से पहले जानिए- क्या ऐलान मुमकिन है, किन मुद्दों का है सामना?
लॉकडाउन तीन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात आठ बजे राष्ट्र के नाम संबोधन करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी कोरोना के संक्रमण को रोकेने की कोशिशों और भविष्य की तैयारियों के बारे में बात कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी आज रात आठ बजे राष्ट्र के नाम संबोधन करेंगे. इस दौरान देश के लोगों को उनसे कई अपेक्षाएं होंगी. देश के प्रधानमंत्री हैं, तो उनके सामने कई चुनौतियां भी होंगी. इसलिए पीएम मोदी अपने इस संबोधन के दौरान कुछ ऐलान कर सकते हैं और लोगों से कुछ अपील कर सकते हैं.
1. प्रवासी मज़दूरों का पलायन रोकना या फिर उन्हें घर पहुंचाना लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा तकलीफ प्रवासी मज़दूरों को हुई है. सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलते मज़दूर, साइकल चलाकर हजारों किलोमीटर की यात्रा करते मज़दूर, गर्भवती महिला मज़दूर जो बच्चे को जन्म देती है और फिर घंटे भर बाद सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर निकल जाती है. ऐसी सैकड़ों तस्वीरें पीएम मोदी ने भी देखी होंगी. लिहाजा वो आज के संबोधन में प्रवासी मज़दूरों के पलायन पर बात कर सकते हैं. या फिर आज के राष्ट्र के नाम संबोधन में मज़दूरों को घर पहुंचाने के किसी डिटेल प्लान की बात कर सकते हैं.
2. आर्थिक गतिविधियों को बहाल करना फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री का आंकड़ा है कि लॉकडाउन के दौरान देश को हर रोज करीब 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. इस लिहाज से लॉकडाउन के 50 दिन हो गए हैं और देश को इस दौरान करीब 2 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है. इस नुकसान की भरपाई आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने से ही हो सकती है. लॉकडाउन 3 के दौरान कुछ आर्थिक गतिविधियां बहाल हुई हैं, फैक्ट्रियों और उद्योग-धंधों को कुछ बंदिशों के साथ काम करने की इजाजत मिली है, लेकिन ये सब पटरी पर कैसे लौटेगा, पीएम मोदी इस बारे में आज रात आठ बजे बात कर सकते हैं.
3. रोजगार पर हो सकती है बात लॉकडाउन के दौरान जो लाखों प्रवासी मज़दूर अपने-अपने घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं, जाहिर है उनकी नौकरी चली गई है. आंकड़ा कहता है कि अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक भारत में करीब चार करोड़ लोगों के रोजगार छिन जाएंगे. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही अपने संबोधन में कंपनियों से अपील की थी कि वो इस लॉकडाउन में किसी को भी नौकरी से न निकालें. लेकिन आज के संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी फिर से रोजगार की बात कर सकते हैं और भविष्य में रोजगार सृजन का भरोसा दिला सकते हैं.
4.कहीं होगी सख्ती, तो कही देनी होगी ढील जिस तरह से मई महीने में कोरोना के आंकड़े में बढ़ोतरी हुई है, उससे एक चीज साफ है. और वो ये है कि लॉकडाउन हटा भी तो कुछ सख्ती बरकरार रहेगी. या हो सकता है कि लॉकडाउन 4 भी हो, जिसमें कुछ ज्यादा ढिलाई हो. क्या होगा, इसे तय करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी की है. 11 मई को ही पीएम मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है. कुछ मुख्यमंत्रियों ने सख्ती की बात कही है तो कुछ मुख्यमंत्री ढील देने की बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री अपने संबोधन में इसका जिक्र कर सकते हैं.
5. राज्यों सरकारों की होगी तारीफ कोरोना से लड़ने के सारे कड़े कदम केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए. राज्यों में सरकार किसी भी पार्टी की हो, उन्होंने केंद्र के दिशा-निर्देशों को फॉलो करने की कोशिश की है. अभी तक सिर्फ पश्चिम बंगाल सरकार से ही केंद्र सरकार के अधिकारियों का टकराव हुआ है. इसलिए आज के संबोधन में प्रधानमंत्री राज्य सरकारों की तारीफ कर सकते हैं. उनकी कोशिशों के बारे में देश के लोगों को बता सकते हैं कि कैसे राज्यों के मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों और डॉक्टरों के साथ मिलकर इस कोरोना से जंग कर रहे हैं.
6. कोरोना वॉरियर्स की होगी तारीफ इस पूरी आपदा के दौरान सबसे साहसिक काम कोरोना वॉरियर्स ने किया है. मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ ने अपनी और अपने परिवार की परवाह किए बिना इस महामारी से लड़ने में पूरी जान लगा रखी है. पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से तय दिशानिर्देशों को लागू करवाने के लिए दिन रात सड़कों पर हैं. सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हर ज़रूरतमंद तक भोजन-पानी का इंतजाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें उनकी मदद एनजीओ और कुछ दूसरी संस्थाएं कर रही हैं. पीएम मोदी इन सभी कोरोना वॉरियर्स की तारीफ कर सकते हैं.
7.फिर से हो सकती है सोशल डिस्टेंसिंग की अपील केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन 3 के दौरान पहले श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं. अब आज से एसी स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं, तो सोशल डिस्टेंसिंग बेहद ज़रूरी हो जाती है. क्योंकि कोरोना से बचने का इकलौता उपाय ही यही है. इसके अलावा बचाव का कोई तरीका नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में एक बार फिर से लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने और लोगों को मास्क पहने रहने की अपील कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ ग्रीन जोन में रोडवेज बसें भी चल रही हैं, जहां सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना एक चुनौती है.
8. आर्थिक पैकेज का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज के राष्ट्र के नाम संबोधन में एक बार फिर से गरीबों के लिए राहत पैकेज का ऐलान कर सकते हैं. पहले लॉकडाउन के दौरान भी केंद्र सरकार की ओर से 1.70 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया गया था. अब एक बार फिर से राहत की बात पीएम मोदी कर सकते हैं. इस राहत पैकेज में गरीबों के अलावा उद्योग-धंधों को भी कुछ राहत देने की बात हो सकती है, क्योंकि इस लॉकडाउन के दौरान उनका भी अच्छा-खासा नुकसान हुआ है. हो सकता है कि पीएम मोदी किसानों के लिए भी कुछ राहत पैकेज का ऐलान करें. 9.भविष्य की तैयारी पर हो सकती है बात अभी तक कोरोना की कोई वैक्सीन बाजार में नहीं आई है. सीधा सा मतलब है कि अभी कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी है और लोगों को इस कोरोना के साथ ही जीना सीखना होगा. प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस बात का जिक्र कर सकते हैं. वो लोगों को मानसिक तौर पर तैयार रहने को कह सकते हैं कि अब उन्हें इस कोराना के साथ ही रहना है. इस दौरान पीएम मोदी लोगों से इस बारे में बात कर सकते हैं कि आने वाले दिनों में भी लोगों को मास्क पहनना ज़रूरी होगा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ज़रूरी होगा और हमेशा अपने हाथों को साबुन से धोते रहना ज़रूरी होगा.टॉप हेडलाइंस

