कौन है पीटर फ्रेडरिक और क्या है टूलकिट विवाद से उसका रिश्ता, यहां जानें सब कुछ
दिल्ली पुलिस अब पीटर-निकिता-दिशा रवि-शान्तनु-एमओ धालीवाल के बीच के कनेक्शन को भी खंगाल रही है. दरअसल पीटर फ़्रेडरिक की भजन सिंह भिंडर से नजदीकियों ने जांच एजेंसी को परेशानी में डाल दिया है.
नई दिल्ली: टूलकिट मामले की जांच में तमाम खुलासे हो रहे हैं. तफ्तीश में रोज नए नाम सामने आ रहे हैं. टूलकिट की तफ्तीश में ऐसा ही एक नाम सामने आया है पीटर फ्रेडरिक. दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाकायदा न सिर्फ पीटर के नाम का खुलासा किया, बल्कि पीटर को खालिस्तानी समर्थक भजन सिंह भिंडर का करीबी भी बताया.
अब सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर कौन है पीटर फ्रेडरिक? टूलकिट से क्या है पीटर का कनेक्शन? दरअसल जांच में पता चला है कि ग्रेटा ने 4 फरवरी को जो टूलकिट ट्वीट किया था, उसमें रिसोर्सेज में पीटर फ़्रेडरिक का नाम भी था. दिल्ली पुलिस की मानें तो पीटर फ़्रेडरिक खालिस्तान का सक्रिय समर्थक है और साल 2006 से सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर है.
एक तस्वीर में पीटर फ्रेडरिक भजन सिंह भिंडर उर्फ इक़बाल चौधरी के साथ दिखाई भी दिए. भजन सिंह भिंडर 2 दशकों से भारतीय जांच एजेंसियों के टारगेट पर है. दिल्ली पुलिस की मानें तो पीटर फ्रेडरिक अभी भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा वार चला रहा है. इसके अलावा पीटर का नाम एक और संगठन सिख इनफॉर्मेशन सेंटर से भी जुड़ा हुआ है. ये संगठन खालिस्तानी एजेंडा के लिए काम कर रहा है.
दिल्ली पुलिस अब पीटर-निकिता-दिशा रवि-शान्तनु-एमओ धालीवाल के बीच के कनेक्शन को भी खंगाल रही है. दरअसल पीटर फ़्रेडरिक की भजन सिंह भिंडर से नजदीकियों ने जांच एजेंसी को परेशानी में डाल दिया है. साथ ही टूलकिट में पीटर का नाम और भिंडर से उसकी नजदीकियां साफतौर पर इस तरफ इशारा कर रही हैं कि इस पूरी साजिश का सूत्रधार खालिस्तानी समर्थक धालीवाल है. इस साजिश के टूल बने निकिता, शांतनु और दिशा रवि.
जांच एजेंसियों के रडार पर आते ही पीटर ने भी ट्वीट कर अपनी सफाई पेश की. अपने एक ट्वीट में पीटर ने लिखा, "मुझे निशाना बनाया गया है क्योंकि मैं मोदी शासन के बढ़ते फासीवाद के खिलाफ उत्तरी अमेरिका की सबसे अथक आवाज़ों में से एक के रूप में उभरा हूं और विशेष रूप से आरएसएस को आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित करने के लिए काम करने के लिए इतनी दूर जा रहा हूं."
पीटर फ्रेडरिक की वेबसाइट के मुताबिक वो एक लेखक, वक्ता, यात्री और कार्यकर्ता है. बरहाल पीटर फ़्रेडरिक कहां है इसके बारे में जांच एजेंसियों के पास कोई पुख्ता सुराग नहीं है, लेकिन इतना जरूर साफ हो चुका है कि टूलकिट के इस कांड में अभी कई और चेहरों से नकाब उतरना बाकी है.
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