पश्चिम बंगालः BJP विधायक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, जेपी नड्डा बोले- राज्य में कानून-व्यवस्था फेल
देबेंद्र नाथ पिछले विधानसभा चुनाव में सीपीएम के टिकट पर हेमताबाद से जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का शव उनके घर के पास लटका हुआ मिलने से सनसनी फैल गई है. राज्य के उत्तरी दिनाजपुर जिले के हेमताबाद इलाके में बीजेपी नेता देबेंद्र नाथ रे सोमवार 13 जुलाई की सुबह अपने घर के पास रस्सी से लटके मिले. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने घटना के बारे में बताते हुए कहा, “सोमवार सुबह रे हेमताबाद इलाके में एक दुकान के पास लटके हुए पाए गए. हमने मामले की जांच शुरू कर दी है.”
ममता सरकार में बढ़ रहा गुंडा राजः बीजेपी
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी नेता की संदिग्ध मौत को राज्य में कानून-व्यवस्था की नाकामी बताया.
नड्डा ने ट्वीट कर लिखा, “पश्चिम बंगाल के हेमताबाद से बीजेपी के विधायक देबेंद्र नाथ रे की संदिग्ध नृशंस हत्या बेहद चौंकाने वाली और निंदनीय है. ये बताता है कि ममता सरकार में किस तरह गुंडा राज है और कानून-व्यवस्था नाकाम है.”
The suspected heinous killing of Debendra Nath Ray, BJP MLA from Hemtabad in West Bengal, is extremely shocking and deplorable. This speaks of the Gunda Raj & failure of law and order in the Mamta govt. People will not forgive such a govt in the future. We strongly condemn this.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) July 13, 2020
नड्डा ने पार्टी विधायक की मौत की निंदा करते हुए कहा कि राज्य के लोग भविष्य में इस सरकार को माफ नहीं करेंगे.
वहीं पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयगर्गीय ने भी ममता सरकार पर लोकतंत्र को कुचलने का आरोप लगाया. विजयवर्गीय ने ट्वीट कर लिखा, "लोकतंत्र को कैसे कुचला जाता है पश्चिम बंगाल की ममता सरकार इसका जीवंत उदाहरण है. राजनीतिक मतभेदों को हिंसक तरीके से दबाया जा रहा है. लेकिन, लोकतंत्र का ये मख़ौल ज्यादा दिन का नहीं है! आखिर ममता राज का फैसला तो जनता ही करेगी."
लोकतंत्र को कैसे कुचला जाता है पश्चिम बंगाल की ममता सरकार इसका जीवंत उदाहरण है। राजनीतिक मतभेदों को हिंसक तरीके से दबाया जा रहा है। लेकिन, लोकतंत्र का ये मख़ौल ज्यादा दिन का नहीं है! आखिर ममता राज का फैसला तो जनता ही करेगी। #DemocracyKillerMamata
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) July 13, 2020
पिछले साल ही बीजेपी में शामिल हुए थे रे
देबेंद्र नाथ पिछले विधानसभा चुनाव में सीपीएम के टिकट पर हेमताबाद से जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और इस बार मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है. दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता पिछले कुछ वक्त से एक-दूसरे से टकराते रहे हैं और एक दूसरे पर नेताओं की राजनीतिक हत्या का आरोप भी लगाते रहे हैं.
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