लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू बोले- सीजफायर समझौता सकारात्मक, युद्ध से किसी का भला नहीं
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू अब भारती सेना के नए डीजीएमओ होंगे. वे पाकिस्तान और युद्धविराम पर नजर रखेंगे. श्रीनगर में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि युद्ध से किसी का भला नहीं होगा.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सीमाओं पर शांति बनाये रखने का संकल्प लिए भारत की सेना तैयार है. श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के हाल ही में दिए बयान के अनुसार कश्मीर की सीमाओं पर तैनात सैनिकों को हर हाल में युद्धविराम का पालन करने का निर्देश जारी किया गया है. लेकिन आतंकी विरोधी ऑपरेशन में कोई भी कमी या ढील नहीं होगी.
श्रीनगर में सोमवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए जनरल राजू ने कहा कि सेना ने अपने फील्ड कमांडर्स को नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसमें सरदह पर होने वाली किसी भी गतिविधि पर उठने वाले विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए कहा गया है. अभी तक पाकिस्तान की तरफ से होने वाली किसी भी हरकत पर सेना की तरफ से जवाब 'बंदूक' और 'तोप' से दिया जाता रहा है.
जनरल बीएस राजू को नई जिम्मेदारी
बता दें कि जनरल राजू अब भारतीय सेना के नए डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) होंगे. वे युद्धविराम और पाकिस्तान पर पूरी नज़र रखेंगे. जनरल राजू अपने अगले कार्यकाल के लिए नई दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में कार्यभार संभालने गए.
अपने दो साल के कश्मीर के कार्यकाल में जनरल बीएस राजू ने 370 हटाये जाने के बाद के हालात और उसके बाद कोरोना काल और फिर चीनी घुसपैठ के बाद पाकिस्तानी सेना के उग्र तेवरों से निपटने की रणनीति तैयार की. साथ-साथ उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने में भी अहम रोल अदा किया.
मीडिया से बातचीत में जनरल राजू ने आतंकियों द्वारा 'स्टिकी बम' के इस्तेमाल को चुनौती बताया. दरअसल, पिछले दो महीनो में जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों ने ऐसे आईईडी का इस्तेमाल करना शुरू किया है जिसे मैगनेट या चिपकने वाले पदार्थ की मदद से गाड़ियों के साथ चिपकाया जाता है. इससे सुरक्षाबलों को आतंकी काफी क्षति पहुंचा सकते हैं.
जनरल राजू के अनुसार कश्मीर में पिछले दो सालों के उनके कार्यकाल में न सिर्फ प्रदेश में शांति आयी है बल्कि सेना और लोगों के बीच की दूरी भी कम हुई है. अब इस बदले हुए माहौल को आगे बढ़ाने का काम राजनीतिक नेतृत्व पर है जो जनता को सही रास्ता बताए.
अब अपने नए रोले में जनरल राजू सीधे तौर पर पाकिस्तानी सेना के संपर्क में होंगे और सरहदों पर होने वाली हर हलचल चाहे वह पाकिस्तानी सेना की हो या पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की हो, पर सीधे नजर रखेंगे.
अपने नए कार्यकाल के बारे में बोलते हुए जनरल राजू ने कहा कि दोनों देशो की सेनाओं के बीच सरहदों पर शांति बहाली के लिए 2003 के समझौते को लागू करने का जो फैसला हुआ है वह दोनों देशो की जनता और सेनाओं के लिए अच्छा है. युद्ध से किसी का भला नहीं होगा.
साल 2020 में पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में करीब 5800 बार युद्धविराम का उल्लंघन किया. सर्दियों में चीन के साथ एलएसी पर हुई तनातनी के बीच पाकिस्तानी सेना ने पश्चिमी सीमाओं पर भी कुछ हलचल की थी जिससे "टू फ्रंट वार" का खतरा बन गया था.
लेकिन भारतीय सेना और कूटनीतिक प्रयासों के चलते दोनों सेनाओ के बीच पिछले महीने युद्धविराम को लागू करने का फैसला हुआ जिसके बाद आने वाले दिनों में दोनों देशो के बीच राजनीतिक और रणनीतिक स्तर पर बातचीत के दोबारा शुरू होने के संकेत भी मिल रहे हैं.
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