भारत पहुंचे अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्री, आज 'टू प्लस टू' वार्ता में कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
चीन से जारी तनानती के बीच दो अमेरिकी नेताओं का दौरा काफी अहमित रखता हैअमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री 'टू प्लस टू' वार्ता में हिस्सा लेने भारत पहुंच गए

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को गर्माहट देने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत पहुंच गए हैं. सोमवार को पहले दिन उन्होंने नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की. मुलाकात के बाद उन्होंने शानदार स्वागत और सत्कार पर भारत का आभार जताया. उन्होंने कहा कि आज की शाम दो देशों के बीच गहरे संबंध का अध्याय है.
Grateful to Indian Foreign Minister @DrSJaishankar for the warm welcome and hospitality on our first day in New Delhi. This evening was a testament to the deep bond between our nations and I am looking forward to tomorrow’s U.S.-India 2+2 Ministerial. pic.twitter.com/y7mJ18pr2a
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) October 26, 2020
अमेरिकी नेताओं का अहम दो दिवसीय भारत दौरा
दो दिवसीय भारत यात्रा पर अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर भी आए हैं. भारत पहुंचने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री का स्वागत किया. आपको बता दें कि दोनों अमेरिकी नेता 'टू प्लस टू' मंत्री स्तरीय वार्ता में हिस्सा लेने आए हैं. सीमा पर जारी चीन के साथ तनाव के बीच दोनों अमेरिकी नेताओं का दौरा काफी अहम माना जा रहा है. भारत की तरफ से वार्ता में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर नुमाइंदगी करेंगे. पिछले दो साल में टू प्लस टू वार्ता तीसरी बार होने जा रही है. वार्ता में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों समेत द्विपक्षीय मामलों पर भी चर्चा की जाएगी. दोनों अमेरिकी नेताओं का भारत के प्रधानमंत्री से भी मिलने का कार्यक्रम है.
जानकारों का मानना है कि चीन का भारतीय सीमा पर आक्रामक तेवर भी चर्चा का विषय बन सकता है. चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बीच चीन और भारत के रिश्ते खराब चल रहे हैं. अमेरिका भी चीन को कोरोना वायरस की शुरुआत से कई मुद्दों पर घेरता आ रहा है.
टू प्लस टू वार्ता में चीन समेत कई मुद्दों चर्चा की उम्मीद
दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी, हॉंगकॉग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों से निपटने के तरीकों का चीनी रवैया अमेरिका को काफी नागवार गुजरा है. माना जा रहा है कि बैठक में चीन का मसला सुलझाने के अलावा दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सैन्य समझौता होगा.
बैठक का मकसद दो देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए उच्च स्तरीय राजनयिक और राजनीतिक बातचीत को आसान बनाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 2017 में द्विपक्षीय बातचीत की घोषणा की गई थी. पहली बार बैठक का आयोजन सितंबर, 2018 में नई दिल्ली में और दूसरी बार पिछले साल दिसंबर में वॉशिंगटन में हुआ था.
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