दुश्मनों के छुड़ा देते हैं पसीने! ये हैं दुनिया के खतरनाक टॉप 5 हमलावार हेलीकॉप्टर, जानें इनकी खासियत
आज हम आपको दुनिया के सबसे खतरनाक हेलीकॉप्टर के बारे में जानकारी दे रहे हैं. ये ऐसे हेलीकॉप्टर हैं, जो युद्ध के मैदान में दुश्मन की रणनीति को तहस नहस करने में सक्षम हैं. आइए जानते हैं.

वर्ल्ड एयरफोर्स 2025 की डायरी के मुताबिक, आज 20 हजार ऐसी किस्म के अटैक करने में सक्षम हेलीकॉप्टर हैं, जो 2025 में भी अपनी सर्विस दे रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले हेलीकॉप्टर में सिकोरस्की S-70-बेस्ट वेरिएंट, UH-60 ब्लैक हॉक और SH-60 सीहॉक हैं. इनकी लगभग 4000 हजार यूनिट्स सर्विस में हैं लेकिन हम आपको दुनिया के टॉप 5 हेलीकॉप्टर के बारे में जानकारी देंगे. इनमें AH-64E अपाचे गार्जियन (Apache Guardian), Mil Mi-28NM हैवॉक (Havoc), Bell AH-1Z वाइपर कोबरा (Viper Cobra), यूरो कॉप्टर टाइगर (Eurocopter Tiger) और टीएआई टी-1 एटीएके टीएई शामिल हैं. एक- एक करके इनके फीचर और उनकी क्षमताओं के बारे में जानते हैं.
1. AH-64E अपाचे गार्जियन (Apache Guardian)
AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर यू्एस आर्मी का सबसे ताकतवर हथियार और दुनिया के कई देशों में सबसे ज्यादा उपयोग में होने वाला हेलीकॉप्टर है. यह AH-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर सीरीज का सबसे नया वेरिएंट है. इसमें कई एडवांस्ड फीचर्स शामिल हैं. इनमें एडवांस्ड डिजिटल कनेक्टिविटी, जॉइंट टैक्टिकल इन्फॉर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम, ज़्यादा पावरफुल T700-GE-701D इंजन, अपग्रेडेड फेस गियर ट्रांसमिशन, और अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) शामिल है.
दुनिया भर की एयरफोर्स इसे उपयोग करती है. इनमें मिस्र, ग्रीस, भारत, इजरायल, चीन और यूएई जैसे देश शामिल है. इसका सबसे अच्छा ऑपरेटर यूएस है. सेना में 824 अपाचे सर्विस में हैं. इसमें स्टींगर मिसाइल समेत भारी भरकम हथियार रखने की क्षमता है. इसका पहला वेरिएंट साल 1975 में मैन्युफैक्चर किया गया था.
2. Mil Mi-28NM हैवॉक (Havoc)
रूस में बना ये हेलीकॉप्टर का पहला वेरिएंट 1982 में बनकर तैयार हुआ था. ये अमेरिका के अपाचे हेलीकॉप्टर का रूसी तोड़ है. Mi-28 हैवॉक भारी भरकम हथियारों को ले जाने में सक्षम और युद्ध के लिए तैयार किया गया है. इसे 1980 में टैंकर बस्टर के तौर पर डिजाइन किया गया था. इसे 2009 में पहली बार उपयोग में लाया गया था. 16 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) से लैस 800mm के आर्मर को भेद सकने में सक्षम है. यह रॉकेट पॉड, बम और गन पॉड भी ले जा सकता है. इसका इस्तेमाल सीरिया और यूक्रेन में किया गया है.

3. बेल AH-1Z वाइपर
इसकी खास बात यह कि इसे अमेरिका ने साल 2000 में तैयार किया है. वाइपर बेल AH-1 कोबरा की तीसरी जनरेशन का अपग्रेडेड हेलीकॉप्टर है. इसमें कई यूनिक फीचर हैं. इनमें चार-ब्लेड वाला रोटर सिस्टम, जो कम्पोजिट मटीरियल से बना है. AH-1Z वाइपर भारी हथियारों से लैस है. इसमें कुल छ: हार्ड पॉइंट हैं, जो पांच हजार से ज्यादा हथियार ले जा सकते हैं. इनमें 76 अनगाइडेड हाइड्रा रॉकेट, 38 APKWS गाइडेड रॉकेट, साइडवाइंडर, हेलफायर या JAGM मिसाइलें शामिल हो सकती हैं. ये अमेरिका, बहरीन और चेक एयरफोर्स के पास हैं.
4. यूरो कॉप्टर टाइगर
इसे कई देश बनाते हैं. 1991 में अस्तित्व में आया. यह दूसरा सबसे नया हेलीकॉप्टर है. शुरु में कोल्ड वॉर के दौरान डेवलप किया गया था. 2003 में पहली बार इसे उपयोग किया गया था. इसके कई अलग-अलग वेरिएंट हैं. इनमें टाइगर HAP (फ्रेंच) – 30mm तोप, रॉकेट और मिस्ट्रल एयर-टू-एयर मिसाइलों वाला मल्टी-रोल अटैक हेलीकॉप्टर, टाइगर UHT (जर्मन) लंबी दूरी के एंटी-टैंक, PARS 3 LR और HOT-3 मिसाइलों से लैस हेलीकॉप्टर शामिल हैं.
5. TAI T129 ATAK
इस हेलीकॉप्टर को इटली और तुर्की में बनाया गया है. साल 2009 में अस्तित्व में आया. यह काफी अपग्रेडेड वर्जन है. यह हेलीकॉप्टर गर्म और ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अच्छा काम करता है, यह तुर्की के पहाड़ी इलाके के मौसम के लिए जरूरी है. ये LHTEC CTS800 पावर प्लांट, बेहतर रोटर ब्लेड और बेहतर कूलिंग सिस्टम से युक्त है. इसमें A129 से ज्यादा पावरफुल हथियार हैं.
इनमें 20mm तीन-बैरल M197 गैटलिंग गन, लेजर-गाइडेड रॉकेट, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल , स्टिंगर एयर-टू-एयर मिसाइल जैसे हथियार शामिल हैं. 2022 में फिलीपींस पहला विदेशी ऑपरेटर बना. 2023 में नाइजीरिया ने दो और ऑपरेटर बनाए. तुर्की अब एक स्वदेशी इंजन को बनाने पर काम कर रहा है.
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