'सेक्रेड गेम्स' विवाद: BJP का पलटवार, कहा- बोलने की आजादी पर सबसे बड़ा हमला इमरजेंसी में हुआ
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी के पिता देश के पूर्व प्रधानमंत्री थे और उनकी शहादत पर किसी ने सवाल नहीं उठाया. ‘‘लेकिन शहादत तो शहादत होती है चाहे किसी देश के नेता की हो या सेना के जवान की.’’

नई दिल्ली: ‘सेक्रेड गेम्स’ वेब सीरीज में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की छवि गलत ढंग से पेश करने के विषय पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने कहा कि वेब सीरीज से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर तभी सबसे बड़ा आघात लगा था जब कांग्रेस की सरकार के तहत आपातकाल लगाया गया था. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष अभिव्यक्ति की आजादी की बात कर रहे हैं जबकि उन्हें समझना चाहिए कि देश के लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी पर सबसे बड़ा आघात तब लगा था तब उनकी पार्टी के शासन के दौरान आपातकाल लगाया गया था.
उन्होंने आरोप लगाया कि आपातकाल के दौरान देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात हुआ. लोगों को बोलने, लिखने और पढ़ने पर पाबंदी लगा दी गई थी. हुसैन ने दावा किया कि जब केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार आई तब अभिव्यक्ति की आजादी को बढ़ावा दिया गया. उन्होंने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि देश में सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है. लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ‘खून की दलाली’ और सेना के जवानों के पराक्रम के संबंध में कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयान सेना के मनोबल को कम करने का काम करते हैं.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी के पिता देश के पूर्व प्रधानमंत्री थे और उनकी शहादत पर किसी ने सवाल नहीं उठाया. ‘‘लेकिन शहादत तो शहादत होती है चाहे किसी देश के नेता की हो या सेना के जवान की.’’ ‘सेक्रेड गेम्स’ वेब सीरीज के संबंध में राहुल गांधी के बयान के संबंध में हुसैन ने कहा कि इससे बीजेपी का कोई संबंध नहीं है.
उल्लेखनीय है कि ‘सेक्रेड गेम्स’ वेब सीरीज में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की छवि गलत ढंग से पेश करने के आरोपों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि किसी काल्पनिक कार्यक्रम के एक पात्र के नजरिए से यह सच नहीं बदलने वाला है कि ‘मेरे पिता देश के लिए जिए और मरे’.
इस वेब सीरीज पर खड़े हुए विवाद के बीच गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बीजेपी/आरएसएस का मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर निगरानी और नियंत्रण होना चाहिए. मेरा मानना है कि यह आजादी हमारा बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकार है.’’
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