SCO सम्मेलन: दुशांबे में हुई जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री की मुलाकात, भारत ने साफ कहा- LAC पर शांति जरूरी
पिछले साल 5 मई को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के हालात बने थे और पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के दौरान दोनों पक्षों के सैनिक मारे गए थे.

SCO सम्मेलन: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन से इतर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान एस जयशंकर ने वांग यी से साफ शब्दों में कहा कि एलएसी पर शांति हर हाल में जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया में प्रगति शांति बहाली के लिए आवश्यक है और यह संपूर्ण (द्विपक्षीय) संबंध के विकास का आधार भी है. हांगकांग की मीडिया ने कल ही चीन की तरफ से LAC पर लगातार निर्माण का दावा किया था.
बैठक में अफगानिस्तान के घटनाक्रम का मुद्दा भी उठा
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आपस में विचारों का आदान प्रदान किया. समझा जाता है कि इस भेंटवार्ता में अफगानिस्तान के घटनाक्रम का मुद्दा भी उठा. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘चीन के विदेश मंत्री से दुशांबे में एससीओ की बैठक से इतर मुलाकात हुई.’ बैठक के बाद जयशंकर ने कहा कि भारत सभ्यताओं के टकराव संबंधी किसी भी सिद्धांत पर नहीं चलता है.
संबंधों को किसी तीसरे देश की निगाह से नहीं देखे चीन- भारत
जयशंकर ने कहा, ‘‘ यह भी आवश्यक है कि भारत के साथ अपने संबंधों को चीन किसी तीसरे देश की निगाह से नहीं देखे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक एशियाई एकजुटता की बात है तो चीन और भारत को उदाहरण स्थापित करना होगा.’’
गौरतलब है कि पिछले साल 5 मई को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के हालात बने थे और पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के दौरान दोनों पक्षों के सैनिक मारे गए थे. मौजूदा समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे संवेदनशील सेक्टर में प्रत्येक तरफ 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं.
पीएम मोदी आज SCO सम्मेलन को करेंगे संबोधित
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज SCO देशों के शिखर सम्मेलन को वर्चुअल यानी वीडियो कांफ्रेस के ज़रिए संबोधित करेंगे. सूत्रों के मुताबिक इस बार के SCO सम्मेलन में मुख्यतः आतंकवाद, अफ़ग़ानिस्तान और आर्थिक सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर ज़ोर रहेगा. प्रधानमंत्री मोदी भी अफ़्गानिस्तान में बदले हालातों को देखते हुए अफ़्गानिस्तान की स्थिति पर अपना रुख रखते हुए सभी हे साझा रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं. पीएम मोदी समेत रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस SCO सम्मेलन को विडियो कांफ्रेंस चे ज़रिए संबोधित करेंगे, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद वहां मौजूद होंगे.
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