गोवा के जंगलों में दिखे दुर्लभ मशरूम, रात होते ही इनमें से निकलने लगती है रोशनी
गोवा की म्हाडेई वाइल्डलाइफ सेंचुरी में रोशनी देने वाला यह दुर्लभ प्रजाति का मशरूम मिला है. वन्य जीव विशेषज्ञ मशरूम की इस प्रजाति को माइसेना जीनस कहते हैं.

मशरूम कई तरह के होते हैं. मशरम की सब्जी भी कई तरह से बनाई जाती है. लेकिन आज हम आपको मशरूम की ऐसी प्रजाति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपने सुना होगा.
मशरूम की इस प्रजाति को बायो-ल्यूमिनिसेंट कहते हैं. आप सोच रहे होंगे इसमें खास क्या है. लेकिन यहां आपका अंदाजा गलत हो सकता है. दरअसल यह एक दुर्लभ मशरूम है, जिसमें से रोशनी निकलती है.
रात के अंधेरे में यह मशरूम हल्के नीले-हरे और बैंगनी रंग में चमकता है. दिलचस्प बात यह है कि दिन में यह एक आम मशरूम की तरह ही दिखता है. गोवा की म्हाडेई वाइल्डलाइफ सेंचुरी में रोशनी देने वाला यह दुर्लभ प्रजाति का मशरूम मिला है. वन्य जीव विशेषज्ञ मशरूम की इस प्रजाति को माइसेना जीनस कहते हैं.
इन मशरूमों को एक महिला ने जंगल में घूमते हुए देखा था. बिचोलिम तालुका के मेनकुरेम इलाके की संस्कृति नायक जंगलों में घूमने गई थीं. संस्कृति उस समय हैरान रह गई जब जंगल में उसने चमकते हुए मशरूम देखे। संस्कृति ने इस बात की जानकारी वन विभाग को दी। इसके बाद वैज्ञानिकों ने इस मशरूम की तस्वीर ली और इस पर रिसर्च शुरू की.
इन मशरूम को जंगल में पनपने के लिए पर्याप्त नमी की जरूरत होती है. साथ ही तापमान 21 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. म्हाडेई वाइल्डलाइफ सेंचुरी में इनकी तादाद बारिश के मौसम में काफी ज्यादा बढ़ जाती है.
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