राजस्थान: पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया बोले- अभी चिकन में नहीं पाया गया है बर्ड फ्लू
भोपाल की हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब में केरल, मध्य प्रदेश और राजस्थान के पक्षियों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं जिसमें बर्ड फ़्लू का एच5एन8 वायरस मिला है. मुर्गी का अभी कोई भी सैंपल पॉजिटिव नहीं मिला है.

जयपुर: कोरोना संकट के बीच चार राज्यों में बर्ड फ्लू के केस सामने आए हैं जिसमें राजस्थान भी एक है. राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि हम कोरोना से जूझ रहे हैं और अब बर्ड फ्लू आ गया. यह अभी चिकन और अंडों में नहीं पाया गया. उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली है कि अलग-अलग जगहों पर 600 के आसपास कौवे मृत पाए गए है. उन जगहों को चिन्हित कर आने वाले समय में इस संक्रमण को रोकने के प्रयास करेंगे.
भोपाल की हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब में राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश के पक्षियों के सैंपल पॉज़िटिव मिले हैं जिनमें बर्ड फ़्लू का H5N8 वायरस मिला है. मुर्गी का कोई भी सैंपल अभी पॉज़िटिव नहीं मिला है और ना ही H5N1 स्ट्रेन है. हिमाचल प्रदेश से आये प्रवासी पक्षियों के सैंपल में H5N1 वायरस मिला है. कुछ और राज्यों से आये सैंपल की जांच अभी होनी है.
राजस्थान में कई जिलों में पक्षियों की मौत हुई है. राज्य के विभिन्न जिलों में सोमवार को 170 से अधिक पक्षियों की मौत के मामले सामने आए. पशुपालन विभाग के अनुसार राज्य में 425 से अधिक कौवों, बगुलों और अन्य पक्षियों की मौत हुई है. झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिये भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था, जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.
राजस्थान के अलावा केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है. अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा. कोट्टायम जिला प्रशासन ने कहा कि नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है और वहां करीब 1,500 बत्तख मर चुकी हैं. बर्ड फ्लू काफी संक्रामक बीमारी है और एच5एन1 वायरस की वजह से पक्षियों के श्वसन तंत्र पर इसका असर पड़ता है. मानव भी इससे संक्रमित हो सकते हैं.
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में पोंग बांध झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मृत पाये गये हैं. केंद्र द्वारा दी गयी जानकारी का जिक्र करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अर्चना शर्मा ने कहा कि बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में मृत पक्षियों के नमूनों की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुयी है. उन्होंने कहा कि उनका विभाग भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डीजीज से इसकी पुष्टि का इंतजार कर रहा है क्योंकि इस बीमारी की जांच के लिये यह नोडल इकाई है. उन्होंने कहा कि जालंधर में उत्तरी क्षेत्र बीमारी जांच प्रयोगशाला ने भी पक्षियों के नमूनों में फ्लू की आशंका व्यक्त की है.
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