राहुल गांधी के राजस्थान दौरे में दिखेंगी कई रोचक तस्वीरे,एक साल बाद एक मंच पर नजर आएंगे गहलोत-पायलट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद के बाद कृषि कानून के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए आज से सड़क पर उतरेंगे. राहुल गांधी आज से दो दिन के राजस्थान दौरे पर जा रहे हैं. इस दौरान राहुल गांधी किसान पंचायत को संबोधित करेंगे.
जयपुर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज से दो दिन के राजस्थान दौरे पर है. इस बार राहुल गांधी के दौरे के साथ कई अलग बातें भी सामने आ रही है. मसलन राजस्थान में पिछले साल आए सियासी भूकंप के बाद ये पहला मौक़ा होगा जब राज्य कांग्रेस के दो धुर सी एम अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक साथ राहुल गांधी के साथ एक मंच पर होंगे. इसके अलावा राहुल गांधी जिस हनुमानगढ़ से अपनी यात्रा शुरु कर रहे है ये वही जगह है जहां सबसे पहले उन्होंने राजस्थान में किसान क़र्ज़ माफ़ी का वायदा किया था.
यह मौक़ा था राजस्थान के विधानसभा चुनाव के मौसम का और तारीख़ थी 18 अक्टूबर 2018. राहुल की इस दिन हनुमानगढ़ में सभा थी और राहुल ने किसानों के सामने मंच से एक दो तीन चार से लेकर दस तक गिनती करते हुए किसानों से वायदा किया था कि सिर्फ़ दस दिन के भीतर उनके क़र्ज़े माफ़ हो जाएँगे अगर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी. इसके बाद दिसम्बर 2018 में राजस्थान में अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार भी बन गई. लेकिन राहुल का हनुमानगढ़ में किया गया वायदा अधूरा रहा.
राजस्थान की गहलोत सरकार ने किसान क़र्ज़ माफ़ी तो की लेकिन सिर्फ़ सहकारी बैंकों के क़र्ज़ माफ़ हुए. सरकारी आंकड़े की बात करे तो सिर्फ़ पंद्रह-सोलह हज़ार करोड़ के क़र्ज़ माफ़ हुए. अभी भी राजस्थान के लाखों किसानों पर राष्ट्रीयकृत बैंकों का लगभग नब्बे हज़ार करोड़ का क़र्ज़ बकाया है. राज्य सरकार का तर्क है कि ये बैंक केन्द्र सरकार के अधीन है और कई बार सी एम के स्तर पर इन बैंकों के नुमाइंदों से बात हो चुकी है लेकिन बैंक अब तक क़र्ज़ माफ़ी को तैयार नहीं हुए.
गहलोत सरकार का ये भी कहना है कि उसके पास इतना धन नहीं है कि वो अपने बूते अकेले ये क़र्ज़ माफ़ कर सके. कुल मिलाकर वही क़र्ज़, वही किसान वही हनुमानगढ़ और वही राहुल गांधी. अब राहुल जब हनुमानगढ़ में किसानों को संबोधित करेंगे तो ये बड़ा सवाल तो राज्य के हर किसान के ज़ेहन में ज़रूर रहेगा कि राहुल जी हमारे क़र्ज़ की माफ़ी का क्या हुआ.
राहुल गांधी की यात्रा का दूसरा रोचक पहलू अब राहुल की इस यात्रा का दूसरा बड़ा रोचक पहलू. सचिन पायलट अब पूर्व उप मुख्यमंत्री हो गए है. वो अब पी सी सी के मुखिया भी नहीं रहे. अब सचिन प्रदेश के दो सौ विधायकों में से एक है. जून और जुलाई 2020 में राजस्थान में आए सियासी भूचाल ने सचिन के दोनों पद छीन लिए. लेकिन इसके बावजूद सचिन का अपना सियासी क़द और राज्य कांग्रेस में एक अलग जगह क़ायम है.
यही मुक़ाम सचिन पायलट को उस मंच तक ले जा रहा है जहां से राहुल गांधी राजस्थान के किसानों को सम्बोधित करेंगे. इस मंच पर अशोक गहलोत की मौजूदगी तो बतौर सी एम स्वाभाविक है लेकिन ख़ास बात ये है कि ये नजारा लम्बे अर्से बाद राजस्थान के लोगों को देखने को मिलेगा.
इससे पहले क़रीब एक साल पहले राहुल गांधी की सभा में गहलोत और पायलट ने एक साथ जयपुर में मंच साझा किया था. ये बात 18 जनवरी की है. जयपुर के राम निवास बाग के ऐल्बर्ट हाल पर राहुल की रैली थी और गहलोत बतौर सीएम और पायलट उप मुख्यमंत्री के तौर पर राहुल के साथ मंच पर थे. अब क़रीब एक साल एक महीने बाद ये दोनों फिर एक मंच पर एक साथ नज़र आएंगे.
राहुल की सभा में ट्रैक्टर ट्रॉली से बनेगा मंच, चारपाई पर बैठेंगे नेता राहुल गांधी अपने राजस्थान दौरे के दूसरे दिन अजमेर और नागौर भी जाएँगे. अजमेर के रूपनगढ में राहुल की सभा के लिए अनोखा मंच तैयार किया जा रहा है. ये मंच चार ट्रेक्टर ट्रॉली को मिलाकर बनाया जा रहा है. ख़ास बात ये होगी कि इस अनोखे मंच पर कोई सोफ़ा या कुर्सी नहीं बल्कि नेताओं के लिए चारपाई रखी जाएँगी. इसके अलावा सभा में मौजूद सभी किसान भी यहां ट्रेक्टरों में ही बैठकर राहुल समेत सभी नेताओं के भाषण सुनेंगे. कांग्रेसी नेताओं को इस किसान सभा में क़रीब पंद्रह हज़ार किसानों के जुटने की उम्मीद है.
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