NGT on Mahakumbh: महाकुंभ मेले में खुले में शौच और प्रदूषण पर NGT ने यूपी सरकार से मांगा जवाब
NGT on Mahakumbh: NGT में दाखिल याचिका में यूपी सरकार पर स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रहने के लिए 10 करोड़ रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाने की मांग की गई है.

NGT on Mahakumbh: प्रयागराज महाकुंभ अब खत्म होने को है लेकिन बड़ी संंख्या में लोगों का महाकुंभ पहुंचना अभी भी जारी है. बड़ी संख्या में लोगों के आने से श्रद्धालुओं के लिए शौचालय की भी समस्या है जिसके चलते लोगों को मजबूरन खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है. खुले में शौच को लेकर अब NGT सरकार के खिलाफ सख्त हो गया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने शनिवार (22 फरवरी, 2025) को उत्तर प्रदेश सरकार, प्रयागराज मेला प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी.
सरकार पर प्रदूषण रोकने में विफल रहने का आरोप
NGT में दायर याचिका में कहा गया कि 'लाखों लोग और परिवार पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में गंगा नदी के किनारे खुले में शौच करने को मजबूर हैं. यूपी सरकार कुंभ मेला स्थल पर स्वच्छता सुविधाओं की खराब व्यवस्था के कारण बड़े पैमाने पर प्रदूषण को रोकने में विफल रही है.'
महाकुंभ में शौचालय की कमी
याचिका में कहा गया कि 'कुंभ में स्थापित किए गए 1.5 लाख जैव-शौचालय भारी संख्या में आने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.' NGT में दाखिल याचिका में यूपी सरकार पर स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रहने के लिए 10 करोड़ रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाने की मांग की गई है.
क्या है NGT
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) पर्यावरण से जुड़े मामलों को निपटाने वाली एक विशेष संस्था है. NGT को पर्यावरण अदालत कहा जाता है. इसकी स्थापना 18 अक्टूबर 2010 में हुई थी.अक्तूबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को एक 'विशिष्ट' मंच के रूप में घोषित करते हुए कहा, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल देश भर में पर्यावरणीय मुद्दों को उठाने हेतु सू मोटो लेने की शक्तियों से संपन्न है.
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