SC/ST एक्ट: PM मोदी बोले- विपक्ष वोट बैंक की राजनीति करता रहा, हम काम करते रहे
एससी/एसटी एक्ट से संबंधित संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये ऐतिहासिक है. मोदी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष आज तक सिर्फ वोट बैंक के लिए काम करता रहा, हमारी सरकार सबके विकास के लिए और सामाजिक न्याय के लिए काम करती है.

नई दिल्ली: एससी/एसटी एक्ट पर विपक्षी दलों और अपने दलित सांसदों की आलोचना झेल रही मोदी सरकार ने कल लोकसभा से संशोधन विधेयक पास करा लिया. वहीं सरकार ने अपने एजेंडे में शामिल राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से जुड़े संविधान (123वां संशोधन) विधेयक को भी राज्यसभा से मंजूरी दिला दी. दोनों विधेयक को सरकार बड़ी कामयाबी बता रही है.
आज खुद प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल को संबोधित करते हुए कहा कि संसद का मौजूदा मानसून सत्र अगस्त क्रांति की तरह रहा. उन्होंने विपक्षी दलों के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष आज तक वोट बैंक की राजनीति करता रहा.
उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक है, पार्टी के सांसद और नेता इन कार्यों के बारे में जनता को प्रमुखता से बतायें. सूत्रों ने बताया कि बीजेपी संसदीय पार्टी की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कई दशकों से समाज के वंचित वर्गों को इसका इंतजार था. संसद ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक पारित किया है जो देश भर में ओबीसी समुदाय को मजबूत बनायेगा.
मोदी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, ''विपक्ष आज तक सिर्फ वोट बैंक के लिए काम करता रहा, हमारी सरकार सबके विकास के लिए और सामाजिक न्याय के लिए काम करती है.''
संसदीय दल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे पूरे भारत में 15 अगस्त से 31 अगस्त तक सामाजिक न्याय पखवाड़ा मनाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी एक अगस्त से 9 अगस्त तक सोशल जस्टिस वीक मनाएगी.
PM has decided we'll celebrate'Smajaik nyay pakhwada'from 15-31 Aug, we'll go to every part of India&make people aware of decisions we made for social justice&safety.From next yr BJP will celebrate Social Justice week from 1-9 Aug every yr: A Kumar after BJP Parliamentary meeting pic.twitter.com/MPxKx0ZBBG
— ANI (@ANI) August 7, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं समाज के वंचित वर्गों के समग्र विकास की जरूरत है और उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है. इन कार्यों में इन वर्गों का सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक और बौद्धिक सशक्तिकरण शामिल है.
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सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने पार्टी नेताओं और सांसदों से सरकार के इन कार्यों को जनता के समक्ष मजबूती से रखने को कहा . उन्होंने सत्र समाप्त होने के बाद पार्टी सांसदों से अपने अपने क्षेत्रों में इन कार्यों को सक्रियता से मुखर होकर पेश करने को कहा. सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और ओबीसी समुदाय के नेता हुकुमदेव नारायण यादव ने अपनी बात रखी .
आपको बता दें कि इसी साल 20 मार्च सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में बड़ा बदलाव किया था. अदालत ने कानून के दुरुपयोग की आशंका जताई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, किसी आरोपी को दलितों पर अत्याचार के मामले में प्रारंभिक जांच के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. पहले केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी का प्रावधान था. आदेश के मुताबिक, अगर किसी के खिलाफ एससी/एसटी उत्पीड़न का मामला दर्ज होता है, तो वो अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकेगा.
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इस फैसले पर विपक्षी दलों और दलित चिंतकों का कहना था कि सरकार ने मजबूती से पक्ष नहीं रखा. जिसकी वजह से कानून कमजोर हुआ, अब दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ेगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को देशभर में प्रदर्शन हुए थे. जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और भारी पैमाने पर सरकारी संपत्तियों का नुकसान हुआ था.
दलित संगठन सरकार पर अध्यादेश लाने के लिए दबाव बना रहे थे. खुद सरकार में शामिल रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी ने कहा था कि इस फैसले से दलितों में गलत संदेश गया है. इसका नुकसान गठबंधन को उठाना पड़ेगा. बीजेपी की दलित सांसद सावित्रि बाई फुले, दिल्ली से सांसद उदित राज ने भी दलित अत्याचार बढ़ने की बात की थी.
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