'आज Gen-Z बना रहे रॉकेट, जो कुछ साल...', भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप के कैंपस का उद्घाटन कर बोले PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने भारत के जेन जी की जमकर तारीफ की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (27 नवंबर) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने भारत के पहले प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-I को दुनिया के सामने पेश किया. बता दें कि इस रॉकेट की ऊंचाई 7 मंजिल बिल्डिंग के बराबर है. रॉकेट को स्काईरूट एयरोस्पेस ने बनाया है.
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज देश अंतरिक्ष क्षेत्र में एक अभूतपूर्व अवसर का साक्षी बन रहा है. आज निजी क्षेत्र भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में बड़ी प्रगति कर रहा है. इस कैंपस में लॉन्च व्हीकल के डिजाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का काम किया जाएगा. बता दें कि इस प्राइवेट स्पेस कंपनी का कैंपस तेलंगाना के हैदराबाद में बना है और कंपनी का हेड ऑफिस भी यहीं हैं.
स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस को लेकर क्या बोले पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि स्काईरूट का इन्फिनिटी कैंपस भारत की नई सोच, नवाचार और युवा शक्ति को दर्शाता है. हमारे युवाओं का नवाचार, जोखिम उठाने की क्षमता और उद्यमशीलता नित नई ऊंचाइयों को छू रही है और आज का कार्यक्रम इस बात का प्रतिबिंब है कि भविष्य में, भारत वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण पारिस्थितिकी तंत्र में एक अग्रणी देश के रूप में उभरेगा.
Speaking at the inauguration of Skyroot’s Infinity Campus. It is a significant leap forward for India’s space sector and its future. @SkyrootA https://t.co/EcLEWEcdIx
— Narendra Modi (@narendramodi) November 27, 2025
'दुनिया के जेन जी को भारत के जेन जी से सीखना चाहिए'
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवा हमारे जेन जी नए परिणाम दे रहे हैं. दुनिया के जेन जी को भारत के जेन जी से सीखना चाहिए. आज जेन जी इंजीनियर और सांईटिस्ट नई-नई तकनीक बना रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हम न्यूक्लियर सेक्टर को भी आगे करने जा रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, "आज, जेनरेशन Z इंजीनियर, जेनरेशन Z डिज़ाइनर, जेनरेशन Z कोडर और जेनरेशन Z वैज्ञानिक प्रणालियों, मिश्रित सामग्रियों, रॉकेट चरणों या उपग्रह प्लेटफार्मों में नई तकनीकों का निर्माण कर रहे हैं. वे ऐसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं जो कुछ साल पहले तक अकल्पनीय थे."
कब हुई स्काईरूट एयरो स्पेस कंपनी की स्थापना
बता दें कि स्काईरूट एयरो स्पेस कंपनी की स्थापना पवन चंदना और भरत ढाका ने 2018 में की थी. यह दोनों आईआईटी पासआउट हैं और इसरो (ISRO) के पूर्व साइंटिस्ट भी रह चुके हैं. कंपनी ने इससे पहले 2022 में विक्रम-S रॉकेट लॉन्च किया था, जो सब ऑर्बिट रॉकेट था यानी कि यह 100 किमी ऊपर तो गया था लेकिन पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश नहीं कर पाया.
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