Operation Sindoor: '4 में से सिर्फ एक नाम, राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी राजनीति', डेलीगेशन में शामिल नेताओं की लिस्ट पर भड़की कांग्रेस
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर पाकिस्तान से जुड़े प्रतिनिधिमंडलों में कांग्रेस को जानबूझकर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सर्वदलीय बैठक और संसद के विशेष सत्र की मांग भी दोहराई.

Congress on Operation Sindoor Delegation: कांग्रेस कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान से जुड़े राष्ट्रीय मुद्दे पर विदेश भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडलों में कांग्रेस नेताओं को जानबूझकर दरकिनार किया गया है. उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार किस तरह राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर भी राजनीतिक खेल खेलने से पीछे नहीं हटती.
जयराम रमेश ने खुलासा किया कि 16 मई की सुबह, मोदी सरकार ने कांग्रेस से चार सांसदों या नेताओं के नाम मांगे थे ताकि उन्हें विभिन्न देशों में भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों में शामिल किया जा सके. कांग्रेस ने दोपहर 12 बजे ही लोकसभा में विपक्ष के नेता के जरिए चारों नामों की सूची लिखित रूप में सरकार को भेज दी, लेकिन जब 17 मई देर रात प्रतिनिधिमंडलों की सूची जारी हुई, तो उनमें से केवल एक नाम को ही शामिल किया गया.
गंभीर राष्ट्रीय विषयों पर सस्ती राजनीति: जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव ने अपने बयान में कहा कि यह मोदी सरकार की छोटे राजनीतिक स्वार्थों के लिए गंभीर विषयों को भी साधन बनाने की प्रवृत्ति को उजागर करता है. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो तीन कांग्रेस नेता प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए गए हैं, वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और देश के हित में पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे.
कांग्रेस ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की तरफ से बार-बार कांग्रेस को नीचा दिखाने की रणनीति का हिस्सा है. बावजूद इसके, कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडल को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि वह इस स्तर तक नहीं गिरेगी.
जयराम रमेश ने दोहराई मांग
जयराम रमेश ने यह भी दोहराया कि प्रतिनिधिमंडलों की पहल से कांग्रेस की दो प्रमुख मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए ताकि पाकिस्तान और ऑपरेशन सिंदूर पर सभी दल एकमत होकर अपनी भूमिका निभा सकें. 22 फरवरी 1994 को संसद में पारित प्रस्ताव को दोहराने के लिए एक विशेष सत्र बुलाया जाए. इस प्रस्ताव में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भारत का अविभाज्य हिस्सा बताया गया था और उसे भारत में पुनः मिलाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई थी. जयराम रमेश ने कहा कि आज जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की है, तो यह प्रस्ताव और अधिक प्रासंगिक हो गया है.
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