Operation Sindoor: क्या होगा ऑपरेशन सिंदूर-2? BSF ने कहा- 'LoC पर 69 लॉन्च पैड, वहां मौजूद 100 से ज्यादा आतंकी'
Operation Sindoor: बीएफएफ के आईजीपी अशोक यादव ने कहा कि अभी एलओसी पर 69 लॉन्चिंग पैड सक्रिय हैं, जहां लगभग 100-120 आतंकवादी घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे हैं.

कश्मीर फ्रंटियर के IG अशोक यादव ने सोमवार (1 दिसंबर, 2025) को देश की सुरक्षा से जुड़ा एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि इस साल LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिशों में काफी कमी आई है, लेकिन खतरा कई गुना बढ़ गया है, क्योंकि पाकिस्तान ने बॉर्डर पार लॉन्च पैड और टेरर कैंप फिर से एक्टिव कर दिए हैं.
उन्होंने कहा, “अभी एलओसी पर 69 लॉन्चिंग पैड सक्रिय हैं, जहां लगभग 100-120 आतंकवादी घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे हैं और हमारी इंटेलिजेंस यूनिट (G-UNIT) सभी 69 एक्टिव लॉन्चिंग पैड पर कड़ी नजर रख रही है.”
IGP BSF अशोक यादव ने जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के हुमहामा में बीएसएफ के फ्रंटियर हेडक्वार्टर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दोहराया कि जम्मू-कश्मीर में एंटी-टेरर ऑपरेशन और ऑपरेशन सिंदूर जारी है. उन्होंने कहा कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने फॉरवर्ड एरिया में काफी सुधार किए हैं और ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करने के लिए नई तकनीक खरीदी गई है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएफ का फोकस घुसपैठ की चुनौतियों से असरदार तरीके से निपटने पर बना हुआ है.
आतंकी घुसपैठ के लिए नए रास्ते कर रहे इख्तियार- IGP यादव
IGP ने कहा, "आतंकवादी घुसपैठ के लिए नए रास्ते अपना रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी आतंकवादियों के जॉइंट रेकी के इनपुट हैं, लेकिन हमारी सभी सेनाएं इलाके में मजबूती से हावी हैं."
साल 2025 में BSF को मिली सफलता की जानकारी देते हुए IGP ने कहा कि BSF ने एंटी-टेरर ऑपरेशन में काफी सफलता हासिल की, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने प्रोफेशनल तरीका दिखाया. उन्होंने कहा, "हमने अपनी सटीक गोलाबारी से दुश्मन की चौकियों को तबाह करने में अहम भूमिका निभाई और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर पार फॉरवर्ड जगहों और लॉन्चिंग पैड को तबाह कर दिया, जबकि सेना के साथ मिलकर लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) और अंदरूनी इलाकों में 22 ऑपरेशन किए, जिसमें आतंकवादियों को मार गिराया गया और अलग-अलग कैलिबर के हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया."
BSF ने सेना और जम्मू-कश्मीर के साथ मिलकर की 22 संयुक्त कार्रवाई
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के अलावा, BSF ने आर्मी के साथ मिलकर LoC पर अच्छे से कब्जा किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि साल 2025 में घुसपैठ की 4 कोशिशों में आठ आतंकवादियों को मार गिराया गया.
फोर्स ने LoC और अंदरूनी इलाकों में इंडियन आर्मी, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF के साथ 22 जॉइंट ऑप्स भी किए हैं, जिसमें नॉर्थ कश्मीर में कुछ आतंकवादियों को मार गिराया गया और AK-47 राइफल, MP-5 राइफल, पिस्टल, हैंड ग्रेनेड, UBGL, UBGL ग्रेनेड, चाइनीज ग्रेनेड, MGL और अलग-अलग कैलिबर के एम्युनिशन समेत बड़ी मात्रा में जंग में इस्तेमाल होने वाला सामान बरामद किया गया.
आईजीपी यादव ने दी चेतावनी
IGP ने चेतावनी देते हुए कहा, "हमने कई मौकों पर आर्मी के साथ आतंकवादी मूवमेंट के बारे में जरूरी इंटेलिजेंस शेयर की है और अभी करीब 150 आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम हमले के बाद, गुलमर्ग बाउल और दूसरी सेंसिटिव जगहों पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई थी ताकि टूरिस्ट को निशाना बनाने की किसी भी आतंकवादी कोशिश को नाकाम किया जा सके.
बीएसएफ फोर्स के मॉर्डनाइजेशन पर कर रहा काम- IGP यादव
IGP BSF ने कहा कि बदलती ग्लोबल टैक्टिक्स के बीच, BSF वॉरफेयर टेक्नोलॉजी को मजबूत करने के लिए बड़े इंस्टीट्यूशन्स के साथ पार्टनरशिप कर रहा है और ऑफिसर्स को एडवांस्ड वॉरफाइटिंग टेक्निक्स की ट्रेनिंग दे रहा है. उन्होंने कहा, "दुनियाभर में बदलती वॉर टैक्टिक्स और भारत की सीमाओं पर खतरों को देखते हुए, BSF फोर्स के मॉर्डनाइजेशन पर काम कर रहा है और खास डिफेंस रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स, प्रीमियर टेक्नोलॉजी/इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूशन्स, पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर्स के साथ पार्टनरशिप में नई टेक्नोलॉजी शामिल कर रहा है."
ग्वालियर में बीएसएफ एकेडमी में खुला BSF ड्रोन वॉरफेयर स्कूल
बीएसएफ ने हाल ही में ग्वालियर में BSF एकेडमी में BSF ड्रोन वॉरफेयर स्कूल खोला है, ताकि फोर्स की ऑफेंसिव और डिफेंसिव अनमैन्ड एरियल कैपेबिलिटीज को बेहतर बनाया जा सके. यह स्कूल भूमि (BHOOMI) इनिशिएटिव के तहत ऑफिसर्स और ट्रूप्स को ड्रोन डिजाइन, उनके वेपनाइजेशन, जैमिंग सिस्टम्स, AI और मॉडर्न वॉरफेयर टेक्निक्स की ट्रेनिंग दे रहा है.
उन्होंने कहा, "भूमि इनिशिएटिव एक बहुत अच्छा कदम है और हमारी डिजिटल इनिशिएटिव्स साइबर खतरों का मुकाबला करने पर फोकस्ड हैं. साथ ही BSF की G-ब्रांच भी है, जो आर्मी को टेररिस्ट मूवमेंट और हथियारों और एम्युनिशन की रिकवरी के बारे में जरूरी इंटेलिजेंस देती है, जिससे ऑपरेशन्स में काफी मदद मिली है."
व्हाइट कॉलर आतंकियों की पहचान सुरक्षा बलों की चुनौती- IGP यादव
यादव ने यह मानते हुए कि दुश्मन ड्रोन का इस्तेमाल करके कई कोशिशें कर रहे हैं और काफी ड्रोन एक्टिविटी का पता चला है, लेकिन BSF के कमिटमेंट और प्रोफेशनलिज्म की वजह से वे कश्मीर में एलओसी पार नहीं कर पा रहे हैं. यह दावा करते हुए कि दिल्ली ब्लास्ट और व्हाइट कॉलर जैश मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद काउंटर-टेरर ऑपरेशन्स में टैक्टिक्स में बदलाव आया है. IGP BSF यादव ने कहा कि रेडिकलाइजेशन सेंटर्स की पहचान की जा रही है क्योंकि वे एक गंभीर चुनौती बने हुए हैं और व्हाइट कॉलर टेररिस्ट की पहचान करना अब सभी सिक्योरिटी फोर्सेज के लिए एक बड़ी चुनौती है.
यह भी पढ़ेंः टॉप-100 हथियार बनाने वाली कंपनियों लिस्ट आई सामने, जानें भारत की कितनी हुईं शामिल
Source: IOCL






















