सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया
राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता बलबीर सिंह ने कहा कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन केवल 40 नगर परिषदों और 17 नगर पंचायतों में किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (28 नवंबर, 2025) को महाराष्ट्र सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया और स्पष्ट किया कि सभी निकायों के चुनाव परिणाम शीर्ष अदालत के फैसले पर निर्भर करेंगे.
इन स्थानीय निकायों में ऐसे निकाय भी शामिल हैं जहां आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को पार किया गया है. मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण से संबंधित 27 याचिकाओं पर 21 जनवरी 2026 को तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा अंतिम सुनवाई की जाएगी.
मई 2025 में, पीठ ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को काफी समय से लंबित चुनाव चार महीने के भीतर कराने और बांठिया आयोग की रिपोर्ट से पहले मौजूद कानूनी ढांचे के आधार पर ओबीसी आरक्षण देने का निर्देश दिया था.
शुरुआत में, राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता बलबीर सिंह ने कहा कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन केवल 40 नगर परिषदों और 17 नगर पंचायतों में किया गया है.
उन्होंने कहा कि कुल 246 नगर परिषद और 42 नगर पंचायतें हैं, जहां चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 246 में से केवल 40 नगर परिषदें ऐसी हैं, जहां आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक है और इसी प्रकार, 42 नगर पंचायतों में से 17 ऐसी हैं, जहां यह सीमा पार हो चुकी है. इस बयान को ध्यान में रखते हुए, पीठ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव करा सकता है, लेकिन परिणाम मामले के अंतिम फैसले पर निर्भर होंगे.
बेंच ने यह भी कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग अन्य जिला परिषदों, पंचायत समितियों और नगर परिषदों के चुनाव करा सकता है, जहां 50 प्रतिशत आरक्षण के उल्लंघन का मुद्दा नहीं है. हालांकि, इन स्थानीय निकायों के परिणाम भी मामले के अंतिम फैसले पर निर्भर करेंगे.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'आज हम मामले की अंतिम सुनवाई तक केवल एक अस्थायी व्यवस्था कर रहे हैं. 21 जनवरी को तीन न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई कर सकती है. किसी भी पक्ष को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.' इससे पहले, पीठ ने अपने आदेश का पालन न करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाई थी और उसे 2022 से रुके हुए स्थानीय निकाय चुनावों को बिना किसी और विस्तार के 31 जनवरी 2026 तक पूरा करने का निर्देश दिया था. राज्य सरकार ने जयंत कुमार बंठिया आयोग का गठन मार्च 2022 में किया था. आयोग ने जुलाई 2022 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
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