आध्यात्मिक गुरु भैय्यूजी महाराज का अंतिम संस्कार आज, कल गोली मारकर की थी खुदकुशी

इंदौर: अध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज ने कल मध्य प्रदेश के इंदौर में अपने बंगले में कथित तौर पर गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी. बताया जा रहा है कि पारिवारिक तनाव के चलते उन्होंगे आत्म हत्या की. भैय्यू जी महाराज की देह अंतिम दर्शनों के लिसे इंदौर के सर्वोदय आश्रम में रखा गया है. वहां उनकी पत्नी और बेटी भी मौजूद हैं. शव के आखिरी दर्शन के लिए महाराष्ट्र से भी लोग आए हैं. भैय्यू जी महाराज का आज दोपहर एक बजे इंदौर के सयाजी मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार होगा.
बहुत ज्यादा तनाव है, ऊब चुका हूं- सुसाइड नोट
भय्यू जी महाराज ने जीवन लीला खत्म करने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिख के छोड़ा है जिसमें लिखा है, ‘’परिवार की जिम्मेदारियां उठाने के लिए किसी का होना जरूरी है. मैं जा रहा हूं. बहुत ज्यादा तनाव है, ऊब चुका हूं. मेरी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है.’’
आज भय्यू महाराज का अंतिम संस्कार किया जाएगा. भय्यू महाराज का पार्थिव शरीर बापट चौराहा पर उनके आश्रम पर सुबह 9 से दोपहर 12.30 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. दोपहर एक बजे भय्यू जी का सयाजी मुक्ति धाम पर अंतिम संस्कार होगा.
Indore: Supporters mourn as mortal remains of spiritual leader Bhaiyyuji Maharaj are being taken to his native village. He had allegedly committed suicide after shooting himself at his residence yesterday. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/gEBFOcpgZZ
— ANI (@ANI) June 13, 2018
कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग
भय्यू महाराज की मौत के बाद राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की है, साथ ही शिवराज सरकार पर आरोप लगाया है कि भय्यू महाराज पर राज्य सरकार ने मानसिक दबाव बनाया.
कौन हैं भय्यू महाराज
मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत करने वाले भय्यू जी महाराज ने आध्यात्म की ओर रुख किया. उनका असली नाम उदय सिंह देशमुख है. भय्यू जी महाराज को उनके हाई प्रोफाइल लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता था. उनके काफिले में मर्सडीज से लेकर कई महंगी गाड़ियां शामिल होती थीं. मध्यप्रदेश के साथ साथ महाराष्ट्र में उनका काफी प्रभाव था. महाराष्ट्र के दिवंगत मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख से उनके बेहद करीबी संबंध थे. उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है.
पहली पत्नी माधवी का 2015 में हो गया था निधन
आध्यात्म के साथ साथ भय्यू जी महाराज का प्रभाव राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में भी था. उनके फॉलोअर में कई दलों के नेता और दिग्गज बिजनेस मैन भी शामिल हैं. भय्यू महाराज की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि वह एक आध्यात्मिक नेता, समाज सुधारक और मोटिवेटर हैं. जिनका मात्र एक उद्देश्य है देश के गरीब-गुरबों के चेहरे पर खुशी लाना है. पिछले साल वह तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने इंदौर की एक लड़की डॉ. आयुषी से शादी की थी. उनकी पहली पत्नी माधवी का 2015 में निधन हो गया था. पहली पत्नी से उनकी एक बेटी भी है.
लोकपाल आंदोलन के समय बड़ी भूमिका निभाई
साल 2011 के देशव्यापी अन्ना आंदोलन में भय्यूजी महाराज ने सरकार और आंदोनकारियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी. बताया जाता है कि अन्ना का अनशन तुड़वाने के लिए केंद्र सरकार ने दूत बनाकर भेजा था. बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का भी सद्भावना उपवास भय्यू जी महाराज ने ही तुड़वाया था.
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने भी लगाई दरबार में हाजिरी
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी उनके आश्रम आ चुके हैं.
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