राहुल गांधी या फिर ममता, अखिलेश और केजरीवाल; PM मोदी के सामने विपक्ष का कौन बड़ा नेता? सर्वे में खुलासा
अगस्त 2025 में हुए मूड ऑफ द नेशन सर्वे में एनडीए को फिर से बहुमत मिलता दिखा है. पीएम मोदी अब भी सबसे लोकप्रिय नेता हैं, लेकिन सीटें घटी हैं. इस बीच राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ी है.

अगस्त 2025 का मूड ऑफ द नेशन पोल (MOTN) बताता है कि अगर अभी चुनाव हुए तो एनडीए को दोबारा सत्ता मिलेगी. एनडीए को अनुमानित 324 सीटें मिल रही हैं. विपक्षी गठबंधन INDIA को 208 सीटें मिल सकती हैं. हालांकि, जनवरी 2025 में एनडीए की सीटें इससे ज्यादा थीं. यानी साल की शुरुआत में दिखा उछाल अगस्त तक आते-आते घट गया है. सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब भी सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं. प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी को लगभग 51–52% समर्थन मिला है (पहले यह आंकड़ा 55% तक रहता था). राहुल गांधी की रेटिंग बढ़कर लगभग 25% तक पहुंच गई है. यह पहले 18–20% के बीच थी. इसका मतलब है कि मोदी की लोकप्रियता स्थिर बनी हुई है, जबकि राहुल गांधी लगातार मुख्य चैलेंजर के रूप में उभर रहे हैं.
सर्वे का एक अहम पहलू यह है कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिक फायदा एनडीए को नहीं मिल पाया. जनवरी में ऑपरेशन के बाद उछाल दिखा था, लेकिन अगस्त तक आते-आते समर्थन घट गया. तुलना की जाए तो 2019 के बालाकोट ऑपरेशन के बाद सरकार को लगभग 15% का बंप मिला था, जो 12 हफ्तों तक चला.इसके विपरीत, ऑपरेशन सिंदूर के बाद जंप सिर्फ 5% रहा और मुश्किल से 4 हफ्ते टिक पाया. यानी लोगों ने मान लिया कि भारत का जवाब मजबूत था, लेकिन उससे भी ज्यादा कड़ा होना चाहिए था. यही बढ़ी हुई अपेक्षाएं पूरी न होने की वजह से भाजपा समर्थकों में मायूसी नजर आई.
राहुल गांधी की बढ़त और विपक्षी एकजुटता
सर्वे में यह भी सामने आया कि विपक्ष के नेताओं में राहुल गांधी का कद और बढ़ा है. राहुल गांधी अब विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के रूप में उभरे हैं. ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे अन्य नेताओं की रेटिंग राष्ट्रीय स्तर पर घटकर राहुल के पक्ष में आई है. विपक्षी वोटों का बड़ा हिस्सा अब राहुल गांधी की ओर शिफ्ट होता दिख रहा है.
किन राज्यों में विपक्ष को फायदा?
यशवंत देशमुख (C-Voter) के मुताबिक, फरवरी से अगस्त 2025 के बीच कुछ राज्यों में INDIA गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है. इसमें बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना शामिल है. वहीं, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बीजेपी और एनडीए को फायदा दिख रहा है, क्योंकि AIDMK और बीजेपी का गठबंधन वोट शेयर को बढ़ा रहा है.
संतोष और असंतोष का आंकड़ा
केंद्र सरकार से नाराज लोगों की संख्या इस बार बढ़ी है और खुश होने वाले लोगों की संख्या घटी है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए सीजफायर को लेकर भी भाजपा समर्थकों में ही सबसे ज्यादा निराशा देखी गई. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि भाजपा समर्थक कांग्रेस या राहुल गांधी के पक्ष में चले गए हैं. बल्कि यह मायूसी विपक्षी खेमे में ही संख्याओं को मजबूत कर रही है.
विशेषज्ञों की राय
सर्वे में पीएम मोदी का समर्थन 50% के आसपास स्थिर है. राहुल गांधी का समर्थन बढ़कर 25% बेसलाइन तक आ गया है. यानी पार्टी स्तर पर बीजेपी (40%) और कांग्रेस (20%) तथा नेता स्तर पर मोदी (50%) और राहुल (25%) के बीच 1:2 का अनुपात बना हुआ है. जब तक कांग्रेस भाजपा समर्थक मिडिल क्लास वोट बैंक में सेंध नहीं लगाती, तब तक विपक्षी लाभ सीमित रहेगा.
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Source: IOCL























