'कुछ छात्र सबक सीखने को तैयार नहीं होते', कर्नाटक में कुर्सी की खींचतान पर सिंधिया ने राहुल गांधी पर कसा तंज
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कर्नाटक में चल रही राजनीतिक खींचतान पर बड़ा बयान दिया है. साथ ही उन्होंने मदनी के बयान पर भी अपनी बात रखी.

कांग्रेस शासित कर्नाटक में चल रही मुख्यमंत्री की खींचतान पर अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने रविवार को इंदौर में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच कथित खींचतान को लेकर राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं, जो जनता से सबक सीखने के लिए तैयार ही नहीं होते. उन्होंने यह बात मीडिया से बात करते हुए की.
कांग्रेस पर क्या बोले सिंधिया?
सिंधिया ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का परचम जनता ने पूरे देश में लहराया है. मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने भारत का चहुंमुखी विकास किया है और विश्व पटल पर देश की छवि को उभारा है. दूसरी तरफ, एक ऐसा दल (कांग्रेस) है, जो अपनी सत्ता वाले प्रदेश में कुर्सी की लड़ाई में उलझ गया है.’’
VIDEO | Indore: “Congress’ priority is attaining power, not serving people,” says Union Minister Jyotiraditya Scindia on Karnataka leadership row.
— Press Trust of India (@PTI_News) November 30, 2025
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/dv5TRAShcC) pic.twitter.com/1SxAmir7nH
उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के ‘अंदरूनी मामले’ पर विस्तृत टिप्पणी नहीं करना चाहते. हालांकि, वह भाजपा के इस धुर प्रतिद्वंद्वी दल पर तंज कसने से नहीं चूके.
'जनता के हाथ में कांग्रेस का भविष्य'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इस दल (कांग्रेस) के भविष्य के बारे में जनता ही निर्णय करती है और जनता बार-बार उन्हें सबक सिखाती है, पर कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो सबक सीखने के लिए तैयार ही नहीं होते.’’
मदनी के बयान क्या बोले केंद्रीय मंत्री?
उच्चतम न्यायालय को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के विवादास्पद बयान पर सिंधिया ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है लेकिन प्रजातंत्र के किसी भी स्तंभ, खासकर न्यायपालिका पर किसी भी व्यक्ति को ओछी टिप्पणी कभी नहीं करनी चाहिए.
मदनी ने कहा था-जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा
दरअसल, मौलाना महमूद मदनी ने वंदे मातरम को लेकर विवादित बयान दिया था. इसमें कहा गया था कि मुर्दा कौमों के लिए मुश्किल नहीं होती है, क्योंकि वह तो सरेंडर कर देती हैं. वह कहेंगे 'वंदे मातरम' पढ़ो तो पढ़ना शुरू कर देंगे, लेकिन यह पहचान होगी मुर्दा कौम होने की है. अगर जिंदा कौम है तो फिर हौसला बुलंद करना पड़ेगा. हालात का मुकाबला करना पड़ेगा. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी टिप्पणी की थी. इसमें उन्होंने कई मामलों में खामोशी को लेकर कहा था कि जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा.
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