बीजेपी की सिर्फ सीटें घटीं, वोट प्रतिशत ने तोड़ दिया 2012 और 2017 का भी रिकॉर्ड, MCD का ये गणित करेगा हैरान
दिल्ली एमसीडी में आप ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की तो बीजेपी ने 104 पर, कांग्रेस ने 9 पर और 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं. अब लोगों की निगाह गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों पर है.
Delhi MCD Election Result 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election) में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बंपर जीत हासिल कर चुनावी इतिहास रच दिया है. AAP ने निकाय चुनाव में पिछले 15 सालों से एमसीडी पर काबिज बीजेपी (BJP) को सत्ता से बाहर कर 134 सीटों पर जीत दर्ज की है.
बीजेपी को नगर निगम में इस बार विपक्ष में बैठना होगा. उसने इस चुनाव में कुल 104 सीटों पर जीत हासिल की है तो वहीं कांग्रेस दहाई अंक भी नहीं छू पाई. कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली है, वहीं 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते हैं. निकाय चुनाव में जीत के बाद से ही AAP में उत्साह का माहौल है. पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जीत के बाद कहा, वह दिल्ली की जनता को धन्यवाद देते हैं और उनके कर्जदार हैं.
2017 के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की थी और उसका वोट शेयर 26.23 प्रतिशत था. पांच सालों में आम आदमी पार्टी वोटिंग परसें बढ़कर दोगुना हो गया है. 2022 के निकाय चुनाव में उसको 42.05 प्रतिशत वोट मिले हैं.
वोट प्रतिशत बढ़ा, घट गईं सीटें
बीजेपी इस बार अपने मत प्रतिशत को देखकर खुश हो सकती है. 2012 के चुनाव में उसने 138 सीटें जीतीं थी और उसका कुल मत प्रतिशत 36.74 था. 2017 के निकाय चुनाव में बीजेपी ने 181 सीटें जीती थी और उसका मत प्रतिसत 36.08 प्रतिशत था. इस चुनाव में बीजेपी को कुल 39.09 प्रतिशत वोट मिले, लेकिन सीटों की संख्या घटकर 104 ही रह गई.
क्या रहा कांग्रेस का मत प्रतिशत?
निकाय चुनाव में दहाई का अंक भी नहीं छू सकी कांग्रेस को 2022 के निकाय चुनाव में 9 सीटें मिली हैं. उसका मत प्रतिशत घटकर 11.68 प्रतिशत रह गया है. 2017 के चुनावों में कांग्रेस ने कुल 30 सीटें जीती थीं और 2012 के मुकाबले उसका मत प्रतिशत घटकर 21.09 प्रतिशत पर सिमट गया था. 2012 के चुनावों में कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी और उसका मत प्रतिशत 30.54 प्रतिशत था.
बीते 10 सालों का रिकॉर्ड देखें तो बीजेपी को ही AAP ने असहज नहीं किया है, बल्कि किसी को असली नुकसान पहुंचा है तो वो कांग्रेस है. AAP ने पार्टी की जड़ों पर प्रहार किया है. दिल्ली निकाय चुनाव का रिजल्ट यही कहानी कह रहा है.
क्या है जीत की प्रमुख वजह?
दिल्ली के निकाय चुनाव पर नजर डालें तो इस बार AAP की जीत की बड़ी वजह दिल्ली के मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार हैं. केजरीवाल के वादे और काम सीधे दिल्ले के मध्यम वर्ग की जेब को राहत पहुंचा रहा है. यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस के वादे जनता को समझ में नहीं आये और उन्होंने अपना भरोसा केजरीवाल पर जता दिया.
हर दिन अपनी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रही दिल्ली की लोअर मिडिल क्लास जनता की तीन बड़ी प्राथमिकताएं मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त इलाज और अच्छी शिक्षा है. इन प्राथमिकताओं को केजरीवाल की AAP अच्छे से समझती है. केजरीवाल दिल्ली की जनता को अच्छे अस्पताल, स्कूल, कूड़े के ढेर से मुक्ति, साफ पानी, मोहल्ला क्लीनिक से सीधे फायदा पहुंचाने का वादा ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि पहुंचाते हुए नजर भी आ रहे हैं. इसलिए दिल्ली का एक बड़ा वर्ग बाकी पार्टियों से छिटककर उनके पाले में जाता दिख रहा है.
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