'70 दिनों तक खाई मैगी, बोतल में किया पेशाब', डिपोर्ट हुए मनदीप ने सुनाई डंकी रूट की रूह कंपाने वाली कहानी
US Deportee Mandeep Singh: बातचीत के दौरान मनदीप ने बताया कि उन्हें हर एक देश को पार करने में चार से पांच दिन लग जाते थे. गाड़ियों में 4-5 की जगह 10-15 को बैठायया जाता था.

US Deportee Mandeep Singh: अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीय अप्रवासियों का तीसरा जत्था 16 फरवरी की रात में अमृतसर लैंड किया, जिसमें 112 लोग थे. वापस लौटे इन लोगों ने बताया कि यह लोग अमेरिका किस तरह से पहुंचे थे. इन्हीं लोगों में एक शख्स मनदीप सिंह भी है, जिन्होंने बताया कि वह कैसे भारत से अमेरिका पहुंचे, जिनकी कहानी सुन आंखों से आंसू छलक जाएंगे.
पंजाब के मनदीप सिंह डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे थे. वापस लौटने के बाद मनदीप ने बताया कि डंकी रूट से ले जाने वाले डोंकर ने उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया. मनदीप ने बताया कि अमेरिका पहुंचने के लिए उन्होंने एजेंट को 40 लाख रुपए दिए थे. इसके बाद 13 अगस्त, 2024 को मनदीप ने अमृतसर से दिल्ली के लिए फ्लाइट ली. इसके बाद दिल्ली से मुंबई, नैरोबी, एम्सटर्डम के रास्ते होते हुए वह सूरीनाम पहुंचे. सूरीनाम से जंगलों और नदियों को पार करते हुए अमेरिका के लिए निकले. गाड़ियों और बोट में बैठकर सभी ने जंगली रास्ता तय किया. यहां तक की नदियों को पैदल पार करना पड़ा.
‘70 दिनों तक मैगी खाई’
मनदीप ने बताया कि जिन देशों से वह होकर गुजरे थे, उनमें से हर एक देश को पार करने के लिए चार-चार दिन का समय लगा था. जिन गाड़ियों में बैठने के लिए चार-पांच लोगों की जगह होती थी, उसमें 10-15 लोगों को बैठाया जाता था. पेशाब भी बोतलों में करनी पड़ती थी. बिस्कुट और टॉफी खाकर गुजारा करना पड़ता था. बुरी हालत तो तब हो गई जब मनदीप ने बताया कि इक्वाडोर में उन्होंने 70 दिनों तक मैगी खाकर दिन बिताए. मैगी खाकर उनके पेट में दर्द होता था, लेकिन अगर वह नहीं खाते तो उन्हें भूख लगती थी.
‘अमृतसर से पहले खोल दी थी हथकड़ियां’
मनदीप ने बताया कि जब वह वापस आ रहे थे तो अमृतसर में प्लेन लैंड होने से पहले अमेरिकी विमान में उनकी हथकड़ियां हटा दी गई, जिससे ऐसा ना पता चले कि उनके साथ इतना बुरा सलूक हुआ है. प्लेन में खाने के लिए भी सिर्फ एक बार खाना दिया गया. खाने में एक सेब चिप्स और फ्रूटी दी गई. प्लेन में लोग कोई भी चीज खाने से डर रहे थे, जिससे उन्हें टॉयलेट का इस्तेमाल न करना पड़े. लोगों को लग रहा था कि पता नहीं टॉयलेट में पानी होगा भी या नहीं. लोगों को डर था कि कुछ खा लिया तो कहीं टॉयलेट ना जाना पड़े. प्लेन में लोग सिर्फ पानी पी रहे थे. लोगों को पेशाब करने के लिए भी सिर्फ एक हाथ खोला जा रहा था.
‘पगड़ियां उतार कर डस्टबिन में फेंकी गई’
मनदीप ने ये भी बताया कि अमेरिका में पकड़े जाने के बाद उनकी पगड़ियां उतार कर डस्टबिन में फेंकी गई और बाल खोलकर हथकड़ियां के साथ कैंप में ले जाया गया. उनके साथ 7 लोग और थे, जिनकी दाढ़ी नहीं थी. मनदीप से कहा गया कि अगर तुम्हें बाकी लोगों के साथ जाना है तो अपनी दाढ़ी काटनी पड़ेगी. उन्हें अपनी दाढ़ी काटने के लिए मजबूर किया गया. उन्हें तीन-चार दिन तक कमरे में बंद कर दिया गया और फोन छीन लिया गया. मनदीप ने बताया कि उनके साथ कुछ लोग गुरदासपुर के भी थे, जिन्होंने कहा कि तुम उनकी बात मान लो पता नहीं यह तुम्हारे साथ क्या करेंगे.
ट्रंप सरकार बनने के बाद कड़े हुए नियम
मनदीप ने यह भी बताया कि पहले एजेंट खुद ही पुलिस से लोगों को अरेस्ट करवा देते थे ताकि अमेरिका में किसी भी तरह से दाखिल हो सके, लेकिन जब से अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनी है लोगों को डिपोर्ट किया जा रहा है, वह लोग खुद ही पुलिस वालों से बचकर कम कर रहे हैं.
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