Cash For Question Row: दशहरा तक 'संघर्ष विराम'! महुआ मोइत्रा मामले पर BJP सांसद निशिकांत दुबे ने क्यों कही ये बात?
Mahua Moitra Row: बीजेपी MP निशिकांत दुबे ने रविवार (22 अक्टूबर) को कहा कि वह '24 अक्टूबर को दशहरे तक संघर्ष विराम' रखेंगे. सांसद ने कहा, 'आज अष्टमी से 24 अक्टूबर दशमी तक संघर्ष विराम कर रहा हूं.'

Nishikant Dubey vs Mahua Moitra: तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर 'सवाल पूछने के बदले पैसे' लेने का आरोप लगाकर लगातार निशाना साध रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार (22 अक्टूबर) को कहा कि वह '24 अक्टूबर को दशहरे तक संघर्ष विराम' रखेंगे.
बीजेपी सांसद दुबे को महुआ के खिलाफ संसद में सवाल पूछने के बदले उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से लाभ लेने के आरोप के संबंध में अपना बयान दर्ज कराने के लिए 26 अक्टूबर को लोकसभा की आचार समिति के सामने पेश होना है. महुआ खुद पर लगे आरोपों को खारिज करती रही हैं और उन्होंने दावा किया है कि बीजेपी अडानी समूह के इशारे पर उन्हें निशाना बना रही है.
'अष्टमी से दशमी तक संघर्ष विराम कर रहा हूं'
दुबे ने 'एक्स' पर लिखा, 'दुर्गा पूजा के पावन अवसर के चलते मैं आज अष्टमी से 24 अक्टूबर को दशमी तक के लिए अपनी ओर से संघर्ष विराम कर रहा हूं.' दुबे ने इस मामले में शनिवार (21 अक्टूबर) को लोकपाल के समक्ष महुआ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
दुर्गा पूजा के पावन त्योहार के कारण आज अष्टमी से लेकर 24 अक्टूबर यानि दशमी तक मेरे तरफ़ से युद्ध विराम
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) October 22, 2023
'महुआ ने की है बीजेपी सांसद दुबे और वकील देहाद्राई के खिलाफ मानहानि याचिका'
दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के आरोपों के बाद महुआ ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बीजेपी सांसद पर मानहानि का आरोप लगाया है. दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की आचार समिति को भेज दिया है.
'दर्शन हीरानंदानी ने हस्ताक्षरित हलफनामे में लगाए महुआ पर आरोप'
रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले समूह हीरानंदानी के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने हाल ही में एक हस्ताक्षरित हलफनामे में दावा किया था कि उन्होंने (महुआ ने) 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम और शर्मिंदा करने के लिए गौतम अडानी को निशाना बनाया था. हालांकि, महुआ ने हीरानंदानी के हलफनामे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे.
उन्होंने आरोप लगाया था कि इस हलफनामा को 'पीएमओ की तरफ से तैयार किया गया था' और उनके परिवार के कारोबार को 'पूरी तरह से बंद' करने की 'धमकी' देकर उन्हें इस पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया.
'आचार संहिता की जांच पूरी होने के बाद टीएमसी लेगी निर्णय'
उधर, तृणमूल कांग्रेस ने रविवार (22 अक्टूबर) को कहा कि संसदीय आचार समिति की जांच पूरी होने के बाद पार्टी इस मामले पर निर्णय लेगी.
Source: IOCL





















