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महमूद मदनी-ओवैसी को लेकर आपस में क्यों भिड़ गए मुसलमान? जानें क्या है मामला

महमूद मदनी ने हाल ही में इंटरव्यू में कहा था कि ओवैसी की राजनीति बांटने वाली है. इसलिए वे उनसे सहमत नहीं है. इतना ही नहीं मदनी ने ओवैसी की जनसभाओं में आने वाली भीड़ को भी पागल करार दिया.

Asaduddin Owaisi Vs Mahmood Asad Madani: जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने हाल ही में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसके बाद घमासान मच गया. इसे लेकर न सिर्फ बयानबाजी का दौर जारी है बल्कि सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है. महमूद मदनी के ओवैसी पर दिए बयान को लेकर भारत के मुसलमान दो खेमों में बंटे नजर आ रहे हैं. एक खेमा ओवैसी के पक्ष में खड़ा होकर महमूद मदनी की ही विचारधारा पर सवाल खड़े करने लगा है. इन पक्ष में मुस्लिम लीग और दारुल उलूम जैसे बड़े मुस्लिम संगठन भी शामिल हैं. 

महमूद मदनी ने क्या कहा, जिस पर मचा बवाल?

दरअसल, महमूद मदनी ने एक पॉडकास्ट में कहा था, मैं असदुद्दीन ओवैसी साहब को जहां तक जानता हूं, मैं उनकी राजनीति और राजनीतिक विचारधारा से सहमत नहीं हूं. उनकी राजनीति बांटने वाली है. उससे उन्हें भी फायदा होता है. दूसरों को उससे ज्यादा फायदा होता है. 

ओवैसी की सभाओं में भीड़ से जुड़े सवाल पर मदनी ने कहा, इसी तरह की बात दूसरे तरफ के लोग भी बोलते हैं, उन्हें भी सुनने के लिए भीड़ इकट्ठी हो जाती है. पागल लोगों का तो मजमा है. जनता में पागल लोग तो हो ही जाते हैं. उन्होंने कहा, ओवैसी यूपी में चुनाव लड़ने आए थे, कितने प्रतिशत वोट मिला? नहीं मिला वोट. लोग उन्हें अपना नेता नहीं मानते. उन्हें मौका मिला है बोलने का, उसी का वे फायदा उठाते हैं. अभी वे तेलंगाना में लड़े थे, इतने जोर शोर के साथ. हैदराबाद के अलावा कहीं वोट मिला उन्हें. हम तो बहुत पहले से कह रहे हैं कि वहीं रहिए, वे मानते नहीं हैं. वे नामुनासिब बयान देते हैं. उनके कई सारे बयान सुनने योग्य नहीं होते. 

महमूद मदनी ने CAA-NRC पर भी दिया बयान

मदनी CAA और NRC के मुद्दे पर भी ओवैसी से सहमत नहीं है. मदनी ने कहा, सरकार चाहे तो  CAA और NRC लागू कर सकती है. उन्होंने कहा था कि देश में NRC जरूर आनी चाहिए, जमीयत असम में काफी सालों से यह मांग कर रही थी. हम नहीं डरते, आप हमें घुसपैठिए मत बताइए. 

महमूद मदनी एजेंसी के लिए काम कर रहे- मुस्लिम लीग

ओवैसी को लेकर जमीयत चीफ मदनी के इस बयान के बाद कई मुस्लिम नेता और संस्थाएं खुलकर उनके खिलाफ आ गए. मुस्लिम लीग के सचिव कौसर हयात खान ने कहा, उनके बयानों को सुनकर ऐसा लगता है कि वे किसी एजेंसी के लिए काम कर रहे हैं. जो मुसलमानों के साथ हो रहा है. मस्जिदें-मदरसे सुरक्षित नहीं हैं. उनके जानमाल के साथ खेला जा रहा है. ये सारे मामलों पर इनके कोई विचार नहीं होते. इनका पूरा जोर इस बात पर होता है कि मुसलमानों को दरक में लगा दिया जाए और वे कोई रिएक्शन न दें. सरकार जो कर रही है वो करती रहे और मुसलमान कोई प्रतिक्रिया न दे. वे मुसलमानों के लिए काम नहीं कर रहे हैं बल्कि किसी एजेंसी के लिए काम कर रहे हैं. 

दारुल उलूम ने भी ओवैसी पर मदनी के बयान से किनारा कर लिया. दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा, मदनी के बयान पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई है. उन्होंने कहा, ये क्लिप पुराने इंटरव्यू की है या नहीं... मुझे मालूम नहीं है. लेकिन उनके इस बयान से मैं सहमत नहीं हूं. वे किसी भी विषय पर अपनी राय रख सकते हैं, लेकिन उसका एक तरीका होता है. 

मौलाना मदनी साहब की हरकत ठीक नहीं- AIMIM

ओवैसी को लेकर मदनी के बयान पर AIMIM विधायक मुफ्ती इस्माइल ने कहा, उन्होंने जो कुछ भी ओवैसी साहब के लिए कहा, वो सही नहीं है. आज हिंदुस्तान में मुसलमानों के लिए बोलने वाला कोई नहीं है. मौलाना मदनी साहब भी नहीं बोलते, जैसा ओवैसी बोलते हैं. लेकिन जो हरकत उन्होंने की है, वह ठीक नहीं है. उनकी नादानियों की वजह से ही जमीयत दो गुटों में बंट गई है. 

उधर, मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सिराज खान ने कहा, ये हालात ऐसे बयान देने के लिए नहीं है. एक तरफ वक्फ को लेकर बात चल रही है. आज सारे मुस्लिम धड़े एक हो रहे हैं, उन्हें ऐसे वक्त पर बयान नहीं देने चाहिए. दूसरी बात ये कि ओवैसी की पार्टी जूझ रही है. महाराष्ट्र का चुनाव सिर पर है. आज उनकी पार्टी से कोई गठबंधन करने को तैयार नहीं है. 

मौलाना मदनी के समर्थन में मुस्लिम जमात

मुस्लिम जमात के अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, मदनी साहब ने असदुद्दीन ओवैसी को लेकर जो बात कही है वो 100 फीसदी सही है. ओवैसी साहब हमेशा भड़काऊ राजनीति करते हैं, वे ऐसे बयान देते हैं कि मुसलमान भड़कें. हिंदुस्तान की राजनीति इस तरह नहीं हो सकती. मुसलमानों को उकसाकर. हिंदुस्तान के हालात इस बात की इजाजत नहीं देते. 

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