Maharashtra NCP Crisis Highlights: अजित बने शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम, शरद पवार करेंगे 5 जुलाई को बैठक
Maharashtra NCP Political Crisis Live: अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. उन्होंने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी पर दावा भी ठोंक दिया है.

Background
महाराष्ट्र की राजनीति का पॉवर गेम बदलने वाला है. एनसीपी नेता अजित पवार के एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल होने की खबर आ रही है. अजित पवार आज ही शपथ ले सकते हैं. अजित पवार के पास एनसीपी के 53 में से 29 विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है. अजित पवार और उनके समर्थक एनसीपी विधायक राजभवन में मौजूद हैं.
सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. इसके साथ ही खबर आ रही है कि छगन भुजबल को भी मंत्री बनाया जा सकता है. छगन भुजबल भी नाराज बताए जा रहे थे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी राजभवन पहुंच चुके हैं.
इसके पहले रविवार, 1 जुलाई को ही महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार के निवास पर पार्टी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. इस बैठक में पार्टी के दोनों कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हुए थे. साथ ही दिलीप वालसे पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, दौलत दोराडा जैसे नेता पहुंचे हैं. बैठक खत्म होने के बाद अजित पवार घर से सीधे राजभवन के लिए निकल गए.
राजभवन के अंदर से जो तस्वीरें आई हैं, उनमें प्रफुल्ल पटेल भी नजर आ रहे हैं. बता दें, प्रफुल्ल पटेल वर्तमान में एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. पार्टी ने पिछले महीने ही सुप्रिया सुले के साथ दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए थे.
सूत्रों के अनुसार, अजित पवार के करीबी विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है. राजभवन पर हलचल के साथ ही डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के आवास पर बीजेपी नेताओं की एक बड़ी बैठक चल रही है.
एनसीपी चीफ शरद पवार ने 5 जुलाई को बुलाई बैठक
एनसीपी चीफ शरद पवार ने जुलाई को मुंबई में एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में रविवार (2 जुलाई) को हुए घटनाक्रम और भविष्य की कार्रवाई पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने इस बैठक को लेकर जानकारी दी है.
Maharashtra NCP Crisis Live: उद्धव ठाकरे की लोकप्रियता देख विफलता का हुआ एहसास- प्रियंका चतुवेर्दी
उद्धव ठाकरे गुट की नेता प्रियंका चतुवेर्दी ने अजित पवार की बगावत को लेकर कहा, "जब उन्होंने देखा कि शिंदे-फडणवीस सरकार के गठन के बाद, उद्धव ठाकरे की लोकप्रियता बढ़ रही है, तो उन्हें एहसास हुआ कि वे विफल हो गए हैं और उन्हें किसी और के समर्थन की जरूरत होगी. क्योंकि विपक्ष एक साथ आ रहा है, वे हर तरह की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे जो फॉर्मूला अपना रहे हैं, वह सफल नहीं होगा'.'
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Source: IOCL





















