महाराष्ट्रः शिवसेना और कांग्रेस के बीच गतिरोध खत्म और बातचीत शुरू, सीएम ठाकरे से मिलने घर पहुंचे बालासाहेब थोराट
गुरुवार को कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण के साथ मुख्यमंत्री से मिलने उनके घर गए. माना जा रहा है कि शिवसेना और कांग्रेस के बीच बैठकों का दौर जारी रहेगा.

मुंबईः शिवसेना और कांग्रेस के बीच बीते महीने भर से चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है और दोनों पार्टियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है. कांग्रेसी नेताओं की ओर से बीते कुछ दिनों से आरोप लगाया जा रहा था कि महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार में उनके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है.
गुरूवार की दोपहर कांग्रेस के नेता बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने उनके बंगले मातोश्री पर पहुंचे. बैठक में शिवसेना की ओर से सांसद संजय राउत और अनिल देसाई भी मौजूद थे.
तीनों के बीच करीब डेढ घंटे तक बातचीत हुई. बैठक में किसने क्या कहा और बैठक का क्या निष्कर्ष निकला ये अब तक साफ नहीं है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि बैठक के दौरान दोनों पार्टी के नेताओं ने नरम रुख अपनाया.
बैठक के बाद थोराट ने पत्रकारों से कहा, “कुछ विषय ऐसे हैं जिन पर आमने-सामने ही चर्चा हो सकती है. ऐसे विषयों पर चर्चा हुई. हमारे कुछ प्रशासन से जुड़े मुद्दे थे जिनपर उनकी राय जाननी थी”. बीते कई दिनों से दोनो पार्टियों के नेताओं के बीच यह बैठक टलती आ रही थी.
दरअसल पिछले चंद दिनों में कांग्रेस और शिवसेना के बीच जिस तरह की कटुता नजर आ रही था उसके मद्देनज़र ये बैठक काफी अहमियत रखती है. राहुल गांधी से से लेकर अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट जैसे कांग्रेसी नेताओं ने हाल के वक्त में ऐसे बयान दिए जिनसे ये पता चलता है कि कांग्रेस महसूस कर रही थी कि ठाकरे सरकार में उसे तवज्जो नहीं मिल रही है. अहम फैसले लिए जाते वक्त कांग्रेस को तरजीह नहीं दी जाती. अशोक चव्हाण का आरोप था कि सरकार अफसरशाही के दबाव में चल रही है और सरकारी अफसर सरकार के घटक दलों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं.
शिवसेना ने ‘सामना’ के जरिए बोला कांग्रेस पर हमला कांग्रेस की ओर से लगातार हो रहे शाब्दिक हमलों पर आखिरकार शिवसेना ने अपनी चुप्पी तोड़ी और अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए कांग्रेस पर हमला कर दिया. शिवसेना ने आरोप लगाया कि कांग्रेस एक पुरानी खटिया की तरह है जो चर्र-चर्र की आवाज करती है. शिवसेना के मुताबिक कांग्रेस को विधान सभा में उसकी सीटों के अनुपात के मुताबिक पहले ही सरकार में ज्यादा हिस्सेदारी मिल चुकी है. 6 महीने पहले ठाकरे सरकार के बनने के बाद ये पहली बार था जब शिवसेना ने इतना तीखा हमला कांग्रेस पर किया.
कांग्रेस के समर्थन पर टिकी है ठाकरे सरकार बता दें महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार कांग्रेस के समर्थन पर टिकी है. राज्य विधान सभा में बहुमत का आंकड़ा 145 विधायकों का है. शिवसेना के पास अपने 56 विधायक हैं, एनसीपी के 54 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 44 विधायक हैं. तीन पार्टियों की इस सरकार में अगर कांग्रेस अपना समर्थन खींच लेती है तो सरकार गिर जाएगी. बहरहाल माना जा रहा है कि आनेवाले वक्त में शिवसेना और कांग्रेस के बीच बैठकों का दौर आगे भी चलेगा.
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