Madhya Pradesh Election Results: हार के बाद MP कांग्रेस में होगा बदलाव? खरगे ने कमलनाथ को लेकर दिया ये सख्त मैसेज
Congress on MP Election: मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जिस तरह से हार मिली है, उसे अभी तक पार्टी नेता पचा नहीं पा रहे हैं. यही वजह है कि अब नेतृत्व परिवर्तन की बात हो रही है.
Kamal Nath News: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मध्य प्रदेश में चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर कमलनाथ से निराशा दिखाई है. उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया है कि पार्टी नेताओं का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें मध्य प्रदेश यूनिट के चीफ का पद छोड़ना चाहिए. इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कमलनाथ को लेकर ये जानकारी दी है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वाले नेताओं ने बताया कि कांग्रेस की एमपी इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच कमलनाथ ने मंगलवार देर रात दिल्ली में खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बैठक के दौरान, खरगे ने कमलनाथ को बताया कि पार्टी में इस बात पर आम सहमति बन रही है कि उन्हें अब एमपी यूनिट का नेतृत्व नहीं करना चाहिए.
हाईकमान ने किया साफ, कमलनाथ को जाना होगा
नाम नहीं छापने की शर्त पर वरिष्ठ नेता ने बताया, 'देखने वाली बात यह है कि वह अब इस्तीफा देते हैं या उन्हें कुछ समय दिया जाता है. लेकिन हाईकमान ने साफ कर दिया है कि उन्हें जाना होगा.' कांग्रेस को भरोसा था कि पार्टी मध्य प्रदेश में सरकार बनाने वाली है. हालांकि, चुनावी नतीजों में पार्टी को 230 सीटों में से सिर्फ 66 पर ही जीत मिली. एक दशक में ये सबसे खराब प्रदर्शन रहा. वहीं, बीजेपी ने 163 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखी.
व्यक्तिगत टिप्पणियों पर जाया किया वक्त
एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने बताया कि कमलनाथ को पार्टी आलाकमान को ये बताना पड़ेगा कि आखिर उन्हें चुनाव में इतनी बुरी तरह हार क्यों मिली है. पार्टी के कई केंद्रीय और राज्य नेताओं का मानना है कि हार के पीछे की वजह एक बेहद ही अजीबोगरीब अभियान रहा है, जिसमें तीखी व्यक्तिगत टिप्पणियों पर जोर दिया गया. इसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा समय इस पर गया.
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक नेता ने बताया, 'कांग्रेस ने ढेर सारी योजनाओं का ऐलान किया. महिलाओं और छात्रों के लिए फ्री एजुकेशन, जिसके बारे में बात नहीं की गई. अगर इस बारे में बात की गई होती तो हम चुनाव जीत जाते. इसके बजाय ऐसा लगा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने नकारात्मक अभियान पर जोर दिया.'
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