Lok Sabha Election: यूपी में ओवैसी का PDM वाला चक्रव्यूह, राहुल-अखिलेश फंसेंगे या BJP का होगा नुकसान, समझें यहां
Lok Sabha Election: असदुद्दीन ओवैसी की नजर उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट बैंक को साधने पर है. वहीं, इस बार ओवैसी के साथ पल्लवी पटेल भी खड़ी हैं.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए सियासी बिगुल बज गया है. सभी दल चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इस बीच ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने एक नए मोर्चे का ऐलान कर दिया है. साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी के पीडीए फार्मूले के सामने पिछड़ा दलित और मुसलमान (PDM) का नया फार्मूला पेश किया है.
ओवैसी की नजर उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट बैंक को साधने पर है. वहीं, इस बार ओवैसी के साथ पल्लवी पटेल भी खड़ी हैं. ऐसे में पीडीएम का फॉर्मूला बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और इंडिया अलायंस दोनों के सामने चुनौती बन सकता है.
ओवैसी और पल्लवी पटेल ने बनाया नया मोर्चा
ओवैसी और पल्लवी पटेल का नया मोर्चा उस समय बना है, जब पहले चरण की 8 सीटों का नामांकन खत्म हो चुका है. वहीं, दूसरे चरण की 8 सीटों का नामांकन 4 अप्रैल को खत्म हो जाएगा. ऐसे में तीसरे मोर्चे बाकी बची 5 चरणों की 64 सीट पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकता है.
तीसरे मोर्चे में अभी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा? कितनी सीट पर पल्लवी पटेल चुनाव लड़ेंगी? कितनी सीट पर AIMIM चुनाव लड़ेगी यह अभी साफ नहीं है. वहीं, इस मोर्चे से बीजेपी के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. माना जा रहा कि यह मोर्चा बीजेपी के पिछड़े और दलित वोट बैंक में भी सेंध लगा सकता है. वहीं, ओवैसी इंडिया अलायंस के मुस्लिम वोट को काट सकते हैं.
इंडिया गठबंधन से अलग हुई पल्लवी पटेल
हाल ही में यूपी में इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर फूट पड़ गई थी और समाजवादी पार्टी ने पल्लवी पटेल की पार्टी को लोकसभा सीट में 3 सीट देने से इनकार कर दिया था . इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि अपना दल से उनका गठबंधन 2022 में था न कि लोकसभा में.
विधानसभा में नहीं खुला था ओवैसी का खाता
असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने 2017 में यूपी की 38 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. पार्टी को महज 0.24 फीसदी वोट ही मिला था. लेकिन उसने कई सीट पर सपा के उम्मीदवारों के वोट काटने का काम किया था. पार्टी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन संभल में किया था.
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