खुशखबरी! वंदे भारत स्लीपर अब दौड़ने को तैयार, जानें कैसी है नई ट्रेन, इसमें क्या-क्या हैं सुविधाएं?
भारतीय रेलवे ने कोरोना के बाद ट्रेन सेवाओं में बड़ा विस्तार किया है. अब हर दिन 11,740 ट्रेनें चल रही हैं. इसी के साथ वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भी ट्रायल पर है.

कोरोना महामारी के बाद भारतीय रेलवे ने अपनी ट्रेन सेवाओं में विस्तार किया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि कोरोना महामारी से पहले हर दिन 11,283 डेली ट्रेनों के मुकाबले अब नवंबर 2025 में यह संख्या बढ़कर 11,740 हो गई है. मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या में भी इजाफा हुआ है और इसकी संख्या 1,768 से बढ़कर 2,238 प्रतिदिन संचालित की जा रही हैं. इसके अलावा रेल मंत्री ने बहु प्रतीक्षित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पर भी अपडेट दिया है है. रेल मंत्री ने बताया है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन तैयार हो चुकी है इसके दो रैक ट्रायल पर है.
रेल मंत्री ने बताया कि लंबी और मध्यम दूरी की रातभर के सफर को आरामदायक बनाने के मकसद से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का स्वदेशी डिजाइन तैयार कर लिया गया है. इसके दो रेक तैयार हो चुके हैं और फिलहाल ये ट्रायल एवं कमीशनिंग चरण में हैं. आपको बता दें कि मोदी सरकार की फ्लैगशिप ट्रेन वंदे भारत वर्तमान में भारतीय रेल नेटवर्क पर 164 वंदे भारत चेयर कार सेवाएं पहले से ही संचालित हो रही हैं.
सुरक्षा विशेषताओं से लैस होंगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन
रेल मंत्री ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, कई प्रमुख तकनीकी और सुरक्षा विशेषताएं से लैस होंगी, जैसे कवच (KAVACH) सुरक्षा प्रणाली इसमें शामिल होगी, जबकि इसकी स्पीड 180 किमी/घंटे डिजाइन स्पीड और 160 किमी/घंटे संचालन गति होगी. इसके अलावा इस ट्रेन में क्रैश वर्दी कारबॉडी और EN मानकों का अनुपालन से लैस हैं. फायर संबंधी सुरक्षा के मद्देनजर EN-45545 HL3 अग्नि सुरक्षा मानक हैं. हर कोच के अंतिम सिरे पर फायर बैरियर दरवाजे लगाए गए हैं. कैबिनेट व लैवेटरी में डेवलप्ड फायर डिटेक्शन और सप्रेशन सिस्टम और रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगाए गए हैं.
ट्रेन में कई तरह की होगी सुविधा
वंदे भारत जैसी बहुप्रतीक्षित ट्रेन में UV-C लैम्प आधारित डिसइन्फेक्शन सिस्टम के साथ आधुनिक एयर कंडीशनिंग, सेंट्रली कंट्रोल्ड ऑटोमैटिक प्लग डोर्स और सील्ड वाइडर गैंगवे होंगे. सभी कोचों में CCTV, इमरजेंसी में यात्रियों के लिए इमरजेंसी टॉक-बैक यूनिट, यात्री सुविधाओं की निगरानी के लिए सेंट्रलाइज्ड कोच मॉनिटरिंग सिस्टम और ऊपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए एर्गोनॉमिक डिजाइन वाली सीढ़ी और दिव्यांगजन यात्रियों के लिए विशेष शौचालय की व्यवस्था रखी गई है.
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