भारत के विमानों पर खतरा! 3 महीनों में 80 हजार से ज्यादा साइबर अटैक, चीन अमेरिका से जुड़े लिंक
Cyber Threats in Indian Aviation: मेजर विनीत ने कहा कि एविएशन सिक्योरिटी जरूरी चीज है. इसके लिए एविएशन इंडस्ट्री से जुड़ी सुरक्षा एजेंसियों को हमलों से बचने के लिए कदम उठाने चाहिए.

Cyber Threats in Indian Aviation: क्या आप जानते हैं कि इंडियन एविएशन के विमान लगातार साइबर थ्रेट्स का सामना कर रहे हैं. यह विमान चीन और अमेरिका जैसे कई देशों के लिए टारगेट बन गए हैं. यकीन नहीं होगा, लेकिन भारतीय एविएशन इकोसिस्टम ने 3 महीनों के भीतर 80 हजार से भी ज्यादा साइबर अटैक झेले हैं, यानी कि रोजाना 900 हमले.
साइबर पीस ने रिपोर्ट तैयार की है, जिसका नाम 'एक्सप्लोरिंग साइबर थ्रेट्स एंड डिजिटल रिस्क इन द इंडियन एविएशन इकोसिस्टम' है. साल 2024 के जून से अगस्त के बीच एक डेटा इकट्ठा किया गया. रिपोर्ट वास्तविक समय के हमले के सिमुलेशन और विश्लेषण के बेस पर तैयार की गई है, जिसमें इंडियन एविएशन इकोसिस्टम की साइबर सिक्योरिटी को और बेहतर बनाने की बात कही गई है.
तीन महीनों 80 हजार से ज्यादा हमले
साइबर पीस रिपोर्ट में बताया गया कि जून से लेकर अगस्त 2024 के बीच भारतीय एविएशन इकोसिस्टम में 80,588 से भी ज्यादा साइबर अटैक हुए हैं, जो एविएशन इकोसिस्टम के सामने एक बहुत बड़ा खतरा है. साइबर अटैकर्स ने खासतौर से प्रमुख संचार और डेटाबेस प्रोटोकॉल को निशाना बनाया, जिसमें टेलनेट पर 64,104, MySQL पर 15,629, HTTP पर 512 और FTP पर 217 हमले हुए. इसके अलावा 296 विभिन्न यूजरनेम और 15,928 पासवर्ड यूज करके ऑटोमेटेड ब्रूट फोर्स अटेम्प्ट्स भी किए गए. इसके बाद कई खामियों का पता भी चला. भारत को अमेरिका, दक्षिण कोरिया, चीन और ताइवान सहित कई देशों में मालीशियस ट्रैफिक के बारे में पता चला.
खास कदम उठाने की जरूरत
साइबर पीस के संस्थापक और अध्यक्ष मेजर विनीत का कहना है कि ये रिपोर्ट ने इंडियन एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी चेतावनी है. यह कोई ऑप्शन नहीं है, बल्कि एविएशन सिक्योरिटी के लिए एक जरूरी चीज है. इसके लिए एविएशन इंडस्ट्री से जुड़ी सुरक्षा एजेंसियों को हमलों से बचने के लिए कदम उठाने चाहिए.
साइबर सुरक्षा के लिए क्या करने की जरूरत है?
1 : खास नेटवर्क को पब्लिक एक्सेस से अलग करना होगा और इसके लिए रोजाना ऑडिट करने की जरूरत है.
2 : इसके लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन और की-बेस्ड एक्सेस लागू करना होगा.
3 : रियल टाइम में खतरे का पता लगाने के लिए रिस्पांस मैकेनिज्म को बढ़ावा देना होगा.
4 : एवियशन कर्मचारियों के लिए रेगुलर सिक्योरिटी ड्रिल्स और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना.
5 : सरकारी एजेंसी निजी हितधारकों और साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स के बीच इकोसिस्टम को मजबूत करना होगा.
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