जिनेवा: UNHRC में भारत की पाक को लताड़, आतंक पर दोहरे रवैये को लेकर दुनिया के सामने खोली पोल
भारत ने पाकिस्तान की तरफ से चलाए जा रहे सीमापार आतंकवाद को मानवाधिकारों का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया. इसके साथ ही भारत ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व एनएसए और पूर्व सेना प्रमुख व राष्ट्रपति रहे परवेज़ मुशर्रफ ने यह बात मानी है कि आईएसआई के इशारे पर जैश भारत में आतंकी हमले करता रहा है.

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की जेनेवा में जारी 40वें बैठक सत्र के दौरान एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तीखी ज़ुबानी जंग हुई. पुलवामा हमले के बाद हो रहे इस ताज़ा सत्र के दौरान भारत ने न केवल पाकिस्तान की तरफ से चलाए जा रहे सीमापार आतंकवाद को मानवाधिकारों का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया बल्कि जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को पालने-पोसने की नीति पर इस्लामाबाद को बेनकाब भी किया. भारत ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व एनएसए और पूर्व सेना प्रमुख व राष्ट्रपति रहे परवेज़ मुशर्रफ ने यह बात मानी है कि आईएसआई के इशारे पर जैश भारत में आतंकी हमले करता रहा है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव मिनी कुमाम ने पाकिस्तान की तरफ से लगाए आरोपों के जवाब देते हुए कहा कि, पाक का सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व जिस तरह जैश-ए-मोहम्मद को सरकारी नीति की तरह इस्तेमाल कर रहा है वो सबके सामने है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को पाकिस्तानी सेना या राजनीतिक नेतृत्व द्वारा राज्य नीति के साधन के रूप में उपयोग करने का खुलासा पहले ही हो चुका है.
Mini Kumam, First Secretary, Permanent Mission of India to UN during 40th Session of UNHRC in Geneva: Confirmation of using UN proscribed terror organization, Jaish-e-Mohammad as instrument of state policy by Pakistani military or political leadership is already in public domain. https://t.co/5wA7WB3Fgw
— ANI (@ANI) March 12, 2019
मिनी कुमाम ने कहा कि पीओके में रहनेवालों को पाकिस्तान की सेना का अत्याचार सहना पड़ रहा है और उन्हें मूल अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है, जिसका तत्काल समाधान निकालना जरूरी है. कुमाम ने कहा कि आज भारत के राज्य जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा और पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों की पीड़ा प्रमुख मुद्दे हैं. पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद का लगातार समर्थन और भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर में हमारे नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
Source: IOCL





















