क्या होता है ब्लू कॉर्नर नोटिस, ये कितना पावरफुल, कितने तरह के Notice जारी करता है इंटरपोल
Goa Club Fire: 10 दिसंबर को गोवा के 'बर्च बाय रोमियो लेन' के अग्निकांड मामले में इंटरपोल ने 2 दिनों में ही ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया. आमतौर पर इस प्रोसेस में एक हफ्ता या उससे ज्यादा समय लगता है.

गोवा पुलिस की कोशिशों के केंद्रीय एजेंसियों के मजबूत सपोर्ट की वजह से इंटरपोल ने 2 दिन में ही ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया. यह नोटिस आरोपियों को ट्रेस करने में मदद करेगा और उन्हें किसी दूसरे देश में जाने से रोकेगा. दरअसल, सौरभ और गौरव के थाईलैंड के फुकेट भागने की संभावना है. पुलिस इनपुट के मुताबिक, दोनों रविवार सुबह करीब 5.30 बजे फुकेट के लिए इंडिगो की फ्लाइट में सवार हुए, ताकि आधी रात के आसपास लगी आग के बाद गिरफ्तारी या पूछताछ से बच सकें. लेकिन अब ब्लू कॉर्नर नोटिस से भागना बेहद मुश्किल है.
इंटरपोल जारी करती ब्लू कॉर्नर नोटिस
इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन यानी इंटरपोल दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल पुलिस नेटवर्क है. 1923 में इंटरपोल की स्थापना फ्रांस के ल्योन शहर में हुई थी. 190 से भी ज्यादा देश इंटरपोल से जुड़े हैं. हर एक देश में इंटरपोल का नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) होता है. भारत यह जिम्मेदारी CBI के पास है.
इंटरपोल खुद किसी अपराधी को गिरफ्तार नहीं करता बल्कि आपराधिक मामलों में जानकारी इकट्ठा करके पहुंचाता है. ऐसे मामलों में इंटरपोल कलर-कोडेड नोटिस जारी करता है. इन नोटिसों में अपराधी के बारे में डिटेल्ड इन्फॉर्मेशन होती है यानी उसकी फोटो, लोकेशन, डॉक्यूमेंट्स, क्रिमिनल बैकग्राउंड्स और लेंग्वेज समेत सब कुछ.
7 कलर और एक स्पेशल नोटिस जारी करता है इंटरपोल
- ब्लू कॉर्नर नोटिस: संदिग्ध गतिविधियों वाले व्यक्ति की जानकारी जुटाने के लिए, जिसके खिलाफ गिरफ्तारी का सीधा आदेश न हो.
- रेड नोटिस: किसी भगोड़े या कुख्यात अपराधी की लोकेशन पता लगाने और जरूरत पड़ने पर गिरफ्तार करने के लिए.
- येलो नोटिस: लापता लोगों को ढूंढने के लिए.
- ब्लैक नोटिस: किसी देश में अज्ञात शव मिलने पर इंटरपोल से इस नोटिस की मांग की जाती है.
- ग्रीन नोटिस: जिस व्यक्ति से किसी देश या समाज की सुरक्षा को खतरा हो.
- ऑरेंज नोटिस: गंभीर और आने वाले खतरे से आगाह करने लिए.
- पर्पल नोटिस: अपराधियों की नई तकनीक, उपकरणों या तौर-तरीकों की जानकारी के लिए.
- इंटरपोल-UN स्पेशल नोटिस: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधित आतंकियों और संगठनों के खिलाफ जारी होता है.
सह-मालिक अजय गुप्ता गिरफ्तार हुआ
इस मामले में एक और आरोपी अजय गुप्ता को दिल्ली से हिरासत में लिया गया. अजय के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी हुआ था. अग्निकांड में जब पुलिस टीम उसके घर गई तो वह फरार मिला था. हालांकि, बाद में पुलिस ने आरोपी को अस्पताल से पकड़ लिया. पुलिस सूत्रों ने कहा कि अजय गुप्ता को गोवा लाने के लिए जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद जल्द ही औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया जाएगा. अजय गुप्ता समेत इस मामले में अब तक छह लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं.
पुलिस ने इस हादसे के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में नाइट क्लब के चीफ जनरल मैनेजर राजीव मोदक, जनरल मैनेजर विवेक सिंह, बार मैनेजर राजीव सिंघानिया, गेट मैनेजर रियांशु ठाकुर और एक कर्मचारी भरत कोहली शामिल है.
Source: IOCL





















