विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जॉर्जिया में किया महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण
विदेश मंत्री एस जयशंकार ने जॉर्जिया की दो दिवसीय यात्रा के दौरान त्बिलिसी पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान उनके साथ जॉर्जिया के विदेश मंत्री भी उपस्थित थे.
S Jaishankar Georgia Visit: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जॉर्जिया के विदेश मंत्री डेविड जलकालियानी David Zalkaliani के साथ मिलकर शनिवार को त्बिलिसी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर जॉर्जिया पहुंचे हैं. इससे पहले उन्होंने रूस की यात्रा संपन्न की है. जयशंकर ने ट्वीट किया, यादगार यात्रा का शानदार परिणाम. विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री डेविड जलकालियानी के साथ त्बिलिसी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया.
जॉर्जिया में भारत के बड़े प्रोजेक्ट
इससे पहले विदेश मंत्री ने जॉर्जिया के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की और आर्थिक सहयोग, पर्यटन, व्यापार और दोनों देशों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के लिए लंबी बातचीत की. जयशंकर ने कहा, बहुत अच्छी बातचीत रही. हमने आर्थक सहयोग, टूरिज्म, व्यापार और संपर्क पर सौहार्दपूर्ण बातें कीं. दोनों देशों के संबंधों में मजबूती आई है. उन्होंने कहा कि जॉर्जिया में भारत के कुछ बड़े प्रोजेक्ट हैं.
जॉर्जिया की महारानी के अवशेष सौंपे
यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 17वीं सदी की जॉर्जिया की महारानी संत केतेवन के अवशेष यहां की सरकार को सौंपे हैं. इसे लेकर विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘विदेश मंत्री डेविड जलकालियानी ने पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. जॉर्जिया के लोगों को महारानी केतेवन के पवित्र अवशेष सौंप कर अच्छा महसूस कर रहा हूं. एक भावुक पल. संत महारानी केतेवन (St Queen Ketevan) 17वीं सदी में जॉर्जिया की महारानी थीं. जिन्होंने शहादत प्राप्त की थी. पुर्तगीज रिकॉर्ड के आधार पर उनके अवशेष 2005 में गोवा के संत ऑगस्टिन कॉन्वेंट में मिले थे. ऐसा कहा जाता है कि इन्हें साल 1627 में यहां लाया गया था.
जॉर्जिया यात्रा का कूटनीतिक महत्व
विदेश मंत्री की जॉर्जिया यात्रा का कूटनीतिक महत्व है. उनकी इस यात्रा को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की अप्रैल में हुई पाकिस्तान यात्रा से जोड़कर भी देखा जा रहा है. 1991 में जॉर्जिया तत्कालीन सोवियत गणराज्य से अलग हुआ था. जॉर्जिया अमेरिका के ज्यादा करीब और रूस के साथ उसका अच्छा संबंध नहीं है. भारत का रूस के साथ घनिष्ठ संबंध है और रूस का पाकिस्तान के साथ कुछ साल पहले तक संबंध न के बराबर था. रूस का कोई भी बड़ा नेता पाकिस्तान की यात्रा पर नहीं जाता था लेकिन हाल ही में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पाकिस्तान की यात्रा की है. इस तरह रूस को दिखाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस यात्रा का कूटनीतिक महत्व है. एस जयशंकर की ये यात्रा इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि रूस की हाल के समय में पाकिस्तान और चीन के साथ करीबी बढ़ी है. चीन के साथ तो उसने 20 साल पुरानी मैत्री संधि में भी विस्तार किया है. वो भी तब, जब भारत और चीन का लद्दाख को लेकर विवाद चल रहा है.
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