'अगर आरोप झूठे तो माफी मांगें राहुल गांधी', कांग्रेस के वोट चोरी वाले बयान के बाद चुनाव आयोग ने अपनाया सख्त रवैया
Rahul Gandhi: राहुल गांधी के वोट चोरी वाले आरोप के बाद चुनाव आयोग ने सख्त रवैया अपनाया है. इलेक्शन कमीशन ने राहुल से कहा था कि वे वोटर लिस्ट में धांधली के सबूत पेश करें.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार (7 अगस्त) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उन्होंने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी पर वोट चोरी का आरोप लगाया. राहुल ने इलेक्शन कमीशन पर भी गंभीर आरोप लगाए. इस मामले को लेकर चुनाव आयोग ने सख्त रवैया अपनाया है. उसने कहा है कि अगर राहुल के आरोप झूठे साबित हुए तो उन्हें माफी मांगनी पड़ेगी.
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों के जवाब में कहा कि अगर राहुल सही कह रहे हैं तो उन्हें सबूत पेश करना चाहिए और इसके साथ ही घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर भी करना चाहिए. आयोग ने राहुल को चेतावनी देते हुए कहा था कि आरोप गलत साबित हुए तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. अब चुनाव आयोग शुक्रवार (8 अगस्त) को एक बार फिर राहुल के मामले पर जवाब दिया.
सूत्रों के मुताबिक आयोग ने तीन अहम बात कहीं -
- अगर राहुल गांधी अपने विश्लेषण पर विश्वास करते हैं और मानते हैं कि चुनाव आयोग के खिलाफ उनके आरोप सही हैं, तो उन्हें घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
- अगर राहुल गांधी घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो इसका मतलब होगा कि उन्हें अपने विश्लेषण और उससे निकले निष्कर्षों और बेतुके आरोपों पर विश्वास नहीं है. ऐसी स्थिति में उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.
- इसलिए, उनके पास दो विकल्प हैं: या तो घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें या चुनाव आयोग के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगें.
राहुल ने क्या लगाया था आरोप
राहुल गांधी ने कहा था कि हमें महाराष्ट्र चुनाव में धांधली की आशंका है. उन्होंने कर्नाटक का भी जिक्र किया था. राहुल ने कहा था, हमने कर्नाटक में बड़ी गड़बड़ी का पता लगाया है. एक आदमी चार जगह वोट कर रहा है. दूसरे राज्यों में भी जाकर वोट कर रहा है. फर्स्ट टाइम वोटर जिसकी उम्र 18-20 साल होनी चाहिए, उनकी उम्र काफी ज्यादा नजर आई. कुछ जगह पते के नाम पर कुछ नहीं है. पता नंबर 0 भी है.
Source: IOCL






















