'महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग', राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने दिया जवाब, जानें क्या कहा?
चुनाव आयोग ने कहा कि भारत में चुनाव संविधान और संसद की ओर से पारित कानूनों के अनुसार होते हैं, कांग्रेस को भी किसी अन्य पार्टी के तरह ही इन चुनावी कानूनों का पालन करना चाहिए.

Rahul Gandhi on Election Commission on India: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से चुनाव आयोग पर सवाल उठाया. उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि आखिर महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव की 2009 से लेकर अभी तक की वोटर लिस्ट कब तक कांग्रेस को उपलब्ध करवा दी जाएगी. राहुल गांधी के आरोपों पर महाराष्ट्र राज्य चुनाव अधिकारी का जवाब भी सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट से जुड़ी हुई सारी जानकारी चुनाव आयोग की साइट पर पहले से ही मौजूद है. चुनाव अधिकारी के मुताबिक, हर चुनाव से पहले राजनैतिक दलों को अपडेटेड वोटर लिस्ट दे दी जाती है.
कांग्रेस को दूसरी पार्टियों की तरह चुनावी कानूनों का पालन करना चाहिए: ECI
चुनाव आयोग के उच्च सूत्रों के मुताबिक, पिछले 75 सालों से चले आ रहे कानून के अनुसार किसी भी अन्य राजनीतिक दल की तरह वे हमेशा संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी को आवेदन कर सकते थे. इसमें कुछ भी नया नहीं है. यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के अनुसार है. दुर्भाग्य से जिला निर्वाचन अधिकारियों को ऐसा कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ. भारत में चुनाव संविधान और 1950 में संसद की ओर से पारित चुनावी कानूनों के अनुसार होते हैं. कांग्रेस को भी किसी अन्य पार्टी की तरह इन चुनावी कानूनों का पालन करना चाहिए.
पिछले तीन चुनावों के वोटर लिस्ट आयोग के साइट पर उपलब्ध
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस जो 2009 के चुनाव के दौरान की वोटर लिस्ट की मांग कर रही है उसको लेकर कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को चुनाव आयोग में नियमों के हिसाब से दस्तावेज देकर मांग करनी होगी. नियम का पालन करने के बाद चुनाव आयोग की तरफ से कांग्रेस को 2009 चुनाव से जुड़ी हुई वोटर लिस्ट भी उपलब्ध करवाई जा सकती है. वहीं, बात की जाए 2009 के बाद के चुनाव की तो पिछले तीन चुनावों की वोटर लिस्ट पहले से ही चुनाव आयोग की साइट पर उपलब्ध है जिसको आसानी से कभी भी डाउनलोड किया जा सकता है.
अगर कोई शक तो सीधे आयोग के पास आएं: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं की तरफ से जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह बेबुनियाद हैं, लेकिन अगर फिर भी उनको किसी भी तरह की अभी भी शंका है तो वह सीधे चुनाव आयोग से बात कर अपनी शंका को दूर कर सकते हैं. लेकिन अब तक कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग के सीधे बात ना कर सिर्फ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाने का काम किया है.
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Source: IOCL
























