मेघालय के तुरा में ED की पहली बड़ी कार्रवाई, GHADC में फंड की बड़ी हेराफेरी का खुलासा
जांच में सामने आया है कि GHADC के आसानांग विधानसभा क्षेत्र में विकास के लिए 28.66 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे, लेकिन ये पैसे प्रोजेक्ट्स पर खर्च होने की बजाय नेताओं और ठेकेदारों की जेब में चले गए.

प्रवर्तन निदेशालय ने मेघालय में बड़ी छापेमारी की है. यह छापेमारी विकास कार्यों के लिए मंजूर किए गए 28.66 करोड़ रुपये को लेकर हुई है. आरोप है कि पैसा विकास कार्यों पर लगाने के बजाय नेताओं और ठेकेदारों की जेब में गया है. मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले के तुरा शहर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की है. ये छापेमारी गारो हिल्स ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (GHADC) के फंड की कथित हेराफेरी और घोटाले की जांच से जुड़ी है.
ईडी ने जिन लोगों के ठिकानों पर सर्च की है, उनमें बॉस्टन मारक, इस्माइल मारक, कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा शामिल हैं. सभी पर आरोप है कि इन्होंने विकास कार्यों के नाम पर जारी करोड़ों रुपये का गलत इस्तेमाल किया.
जांच में सामने आया है कि GHADC के आसानांग (Asanang) विधानसभा क्षेत्र में विकास के लिए 28.66 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे, लेकिन ये पैसे प्रोजेक्ट्स पर खर्च होने की बजाय कथित रूप से नेताओं और ठेकेदारों की जेब में चले गए.
ईडी को मिली शुरुआती जांच में पता चला कि कुल फंड का 60 प्रतिशत हिस्सा अवैध तरीके से ठेकेदारों कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा को एडवांस में दे दिया गया. ये रिलीज नियमों के खिलाफ था और बिना काम किए ही भारी रकम ट्रांसफर कर दी गई. ये पूरा खेल इस्माइल के इशारे पर हुआ, जिनके कहने पर कई चेक इन ठेकेदारों के नाम पर जारी किए गए.
ईडी को मिली जानकारी के मुताबिक कुबोन संगमा ने बैंक से पूरा पैसा निकालकर इस्माइल मारक को सौंप दिया, जबकि निकसेंग संगमा ने अपनी हिस्सेदारी सीधे उस अकाउंट में ट्रांसफर कर दी, जहां भेजने के लिए कहा गया था. यानी सरकारी पैसे का पूरा चक्र सिर्फ कागजों पर चला. असली विकास के काम जमीन पर नहीं हुए. जांच और छापेमारी अब भी जारी है.
Source: IOCL





















