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महाराष्ट्र में फिर हलचल! देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे के बीच हुई लंबी बैठक, क्या हैं मायने?

Maharashtra News: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज ठाकरे से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद फडणवीस ने कहा, ये मुलाकात राजनीतिक नहीं थी.

Devendra Fadnavis Meets Raj Thackeray: महाराष्ट्र में सियासी हलचल कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच सोमवार (29 मई) को हुई मुलाकात ने फिर से एक नया मुद्दा खड़ा कर दिया है. अब सियासी गलियारों में बीजेपी और एमएनएस में गठबंधन को लेकर अफवाहें उड़ने लगी हैं. हालांकि, इस मुलाकात को लेकर फडणवीस ने कहा है कि यह कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी बल्कि हम सिर्फ गप्पे मारने के लिए मिले थे. 

महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है. इस बीच एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे से देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करने उनके घर तीन बार जा चुके हैं. सोमवार को फडणवीस रात 9 बजे अचानक राज ठाकरे से मिलने पहुंचे. करीब डेढ़ घंटे दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई. 

कितना संभव है दोनों दलों में गठबंधन?

राज ठाकरे की पार्टी अब तक मराठी और प्रान्तवाद के मुद्दे पर राजनीति करती रही है. ऐसे में बीजेपी के मन में ये हमेशा से रहा है कि अगर एमएनएस से हाथ मिलाया तो उत्तर भारतीय वोट उनसे खिसक सकता है. साल भर में राज ठाकरे मस्जिद पर लगे लाऊड स्पीकर के मुद्दे को उठाकर हिंदुत्व के नए पोस्टर बॉय बनने में आगे रहे हैं. माना जा रहा है कि हिंदुत्व के मुद्दे पर ये गठबंधन संभव हो सकता है लेकिन फिलहाल बीजेपी की तरह एमएनएस भी गठबंधन को लेकर कोई पत्ते खोलने को तैयार नहीं है. 

एमएनएस के साथ गठबंधन को लेकर महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं में दो मत प्रवाह हैं. कुछ नेताओं को लगता है कि एमएनएस को गठबंधन से बाहर रखकर चुनाव में ज्यादा फायदा उठाया जा सकता. एमएनएस अगर विपक्ष की भूमिका में रहती है तो विपक्ष के वोटों में बटवारा होगा इसका सीधा फायदा बीजेपी और शिंदे गठबंधन को मिल सकता है. जबकि कुछ नेता मानते हैं कि राज ठाकरे प्रचार की शैली मराठी वोटों को गठबंधन के पाले में लाने में उपयोगी साबित हो सकते हैं.

राज ठाकरे ने पहले भी ठुकराया था बीजेपी का ऑफर 

वहीं, एमएनएस पार्टी की बात करें तो 2006 में गठन होने के बाद से अब तक पार्टी ने कभी सत्ता का स्वाद नहीं चखा है. राज ठाकरे भी कार्यकर्ताओं से यह कह चुके हैं कि आप काम करिए सत्ता में बिठाने का काम मैं करूंगा. इसे बीजेपी और एमएनएस में गठबंधन का इशारा भी समझा जा रहा है. साल 2014 लोकसभा चुनाव में नितिन गडकरी ने राज ठाकरे को बीजेपी के साथ आने का ऑफर दिया था. तब राज ठाकरे ने ऑफर ठुकरा दिया था.

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