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दिल्लीवालों को मनीष की चिट्ठी, कहा- ‘विकास के काम रुक जाए इसलिए थोपा गया चुनाव'
संसदीय सचिव बनाए जाने मामले में चुनाव आय़ोग की तरफ से आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के फैसले को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है. अब आप को सिर्फ हाईकोर्ट के दर से राहत की आस है.
नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद राजनीति गर्म है. अब इन 20 सीटों पर छह महीने के अंदर चुनाव होगा. इसी को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के नाम चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में सिसोदिया ने बीजेपी के खिलाफ दिल्लीवालों को जगाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली पर चुनाव थोपा गया है ताकि विकास के काम रुक जाए.
मनीष सिसोदिया ने कहा है, ‘’जिस तेजी से दिल्ली सरकार काम कर रही है, इन्हें इसी बात से डर लग रहा है. केजरीवाल अपने अच्छे काम के कारण लोकप्रिय हैं. ये लोग केजरीवाल को काम करने नहीं देना चाहते हैं. बीजेपी का ग्राफ तेजी से गिर रहा है. 20 विधायकों को बर्खास्त करके दिल्ली पर चुनाव थोपा गया है. अब आचार संहिता लागू हो जाएगी और सरकारी काम रुक जाएंगे.’’
सिसोदिया ने आगे कहा है, ‘’20 विधानसभा पर चुनाव थोपकर बीजेपी ने दिल्ली में विकास रोका है. चुनाव में फिजूल पैसा खर्च होगा.’’
बता दें कि संसदीय सचिव बनाए जाने मामले में चुनाव आय़ोग की तरफ से आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के फैसले को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है. अब आप को सिर्फ हाईकोर्ट के दर से राहत की आस है. आज आप की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है लेकिन पिछली सुनवाई में लगी फटकार के बाद आज ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है. क्या है पूरा मामला? गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ देल्ही एक्ट, 1991 के तहत दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव का पद हो सकता है. यह संसदीय सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा होगा, लेकिन केजरीवाल ने सीधे 21 विधायकों को ये पद दे दिया. बाद में याचिकाकर्ता ने साल 2015 में राष्ट्रपति के यहां पिटीशन दाखिल कर बताया कि केजरीवाल की पार्टी के 21 विधायक संसदीय सचिव बनाए गए हैं. ये सभी लाभ के पद पर हैं. इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जाए. यहां पढ़ें मनीष सिसोदिया का पूरा पत्र-दिल्ली की जनता के लिए मेरा एक पत्र
क्या चुने हुए विधायकों को इस तरह गैर-संवैधानिक और गैर-कानूनी तरीके से बर्खास्त करना सही है? क्या दिल्ली को इस तरह चुनावों में धकेलना ठीक है? क्या ये गंदी राजनीति नहीं है? pic.twitter.com/9QzU52bTay — Manish Sisodia (@msisodia) January 22, 2018
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion