दिल्ली: आप नेता राघव चड्ढा का आरोप- कोरोना टेस्ट की गलत रिपोर्ट दे रहा है आरएमएल हॉस्पिटल
दिल्ली का राम मनोहर लोहिया अस्पताल केंद्र सरकार के अधीन है. राघव चड्ढा ने दिल्ली वालों से इस अस्पताल में इलाज कराने से बचें. उन्होंने अस्पताल पर निर्देश का पालन नहीं करने का भी आरोप लगाया.
नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना से जुड़े आंकड़ों को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी के विधायक और प्रवक्ता राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार के अधीन आने वाले दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल पर गलत कोरोना टेस्ट रिपोर्ट देने और कोरोना टेस्ट के परिणामों में देरी करने का आरोप लगाया.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राघव चड्ढा ने कहा, "दिल्ली का राम मनोहर लोहिया अस्पताल नामी अस्पतालों में से एक है, जिसने जांच प्रक्रिया, केंद्र और दिल्ली सरकार से जारी जांच के प्रोटोकॉल और दिल्ली हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों को ताक पर रख कर बीते कुछ दिनों में काम किया है. इससे अस्पताल ने कहीं न कहीं अपना नाम भी खराब किया है और अपनी प्रक्रिया पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाया है.
प्रोटोकॉल के अनुसार और जांच की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार अस्पतालों द्वारा जांच किए गए कुछ नमूनों का समय-समय पर दोबारा जांच कराती है. इसकी जानकारी देते हुए राघव चड्ढा ने बताया, "आरएमएल अस्पताल में जांच किए गए कुछ नमूनों की दोबारा जांच कराई गई है. अस्पताल से 30 नमूने लिए गए. इसकी जांच अस्पताल कर चुका था और रिपोर्ट में सभी को कोरोना पॉजिटिव बताया था. हमने उसकी दोबारा जांच कराई, तो उसमें से 12 सैंपल निगेटिव निकले और 2 सैंपल में कोई नतीजा नहीं निकला. जबकि अस्पताल ने एक दिन पहले ही इसे अपनी रिपोर्ट में पॉजिविट बताया था. आरएमएल के परीक्षण में 45 प्रतिशत रिपोर्ट में त्रुटि मिली. जो कि बेहद चैका देने वाली बात है. उन मरीजों की मानसिक स्थिति, उनके परिवार, पड़ोसियों पर हुए आघात के बारे में सोचें. इस तरह के झूठे और गलत परिणाम बेहद निंदनीय हैं और यह आरएमएल अस्पताल की लापरवाही को उजागर करता है."
राघव चढ्ढा ने आरएमएल अस्पताल पर परीक्षण के 48 घंटे के भीतर कोविड-19 परीक्षण डेटा जमा करने के दिल्ली सरकार, केंद्र और दिल्ली हाई कोर्ट के मानदंडों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया. राघव चड्ढा ने कहा, "केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली हाई कोर्ट ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि कोविड-19 की जांच रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर हर हालत में देनी है. कोशिश करनी है कि 24 घंटे के अंदर ही दे दी जाए. लेकिन यह दुर्भाग्य है कि आरएमएल अस्पताल ने इन प्रोटोकॉल का पूरी तरह से उल्लंघन किया है. आईसीएमआर के डेटा के अनुसार, आरएमएल अस्पताल ने जांच रिपोर्ट कभी 72 घंटे, कभी 6 दिन या 7 दिन या 10 दिन और कभी 31 दिनों के बाद रिपोर्ट दी है. जिन लोगों को 3 दिन बाद रिपोर्ट मिली, उनकी संख्या 281 है. 4 दिन बाद 210 लोगों को रिपोर्ट मिली, 1 सप्ताह बाद 50 लोगों को रिपोर्ट मिली. चार लोगों को 9 दिनों के बाद रिपोर्ट मिली और कुछ लोगों को 31 दिनों के बाद रिपोर्ट मिली. ऐसा उल्लंघन अस्वीकार्य है, क्योंकि इससे बीमारी का प्रसार होगा. क्योंकि जिन लोगों के परिणाम लंबित हैं वे कई अन्य लोगों से मिल सकते हैं और यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमित है, तो बीमारी फैल सकती है."
राघव चड्ढा ने दिल्ली सरकार से आरएमएल अस्पताल के खिलाफ गलत कोविड-19 जांच रिपोर्ट देने और जांच रिपोर्ट में देरी के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की. साथ ही अस्पताल पर दिशा निर्देशों का पालन न करने का आरोप लगाते हुए दिल्लीवालों से आरएमएल अस्पताल में इलाज कराने से बचने की भी अपील की.
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