'BJP को हराने के लिए अल्पसंख्यक काफी नहीं, कांग्रेस को चाहिए हिंदुओं का भी साथ', 2024 के चुनाव पर बोले एके एंटनी
AK Antony Speech: एके एंटनी ने कांग्रेसियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी को 2024 की तैयारी में लग जाना चाहिए और मोदी के फासीवाद के खिलाफ लड़ाई में हिंदू बहुसंख्यकों का साथ जुटाना चाहिए.

Congress Political Strategist: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी (A K Antony) ने कहा है कि 2024 के आम चुनाव (General Election 2024) में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस को बहुसंख्यक समुदाय को भी अपने साथ लेना चाहिए क्योंकि इस लड़ाई में अल्पसंख्यक पर्याप्त नहीं होंगे.
कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) के सदस्य एंटनी ने पार्टी के स्थापना दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में बहुसंख्यक लोग हिंदू हैं और इस बहुसंख्यक समुदाय को नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ाई में शामिल किया जाना चाहिए. पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी को (2024 के लिए) तैयार रहना चाहिए और फासीवाद के खिलाफ लड़ाई (Fight Against Fascism) में बहुसंख्यक समुदाय को साथ लेना चाहिए.
'कांग्रेस अल्पसंख्यकों के साथ हिंदुओं का भी ध्यान रखे'
यह कहते हुए कि अल्पसंख्यकों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है, एंटनी ने कहा, ''जब हिंदू समुदाय के लोग मंदिरों में जाते हैं या जब वे तिलक या बिंदी लगाते हैं तो उन्हें एक सॉफ्ट हिंदुत्व (Soft Hindutva) विचारधारा वाले लोगों के रूप में देखा जाता है, यह सही रणनीति नहीं है. कांग्रेस हिंदुओं के साथ-साथ अल्पसंख्यकों को भी पार्टी में लाने की कोशिश कर रही है."
उन्होंने कहा कि कांग्रेस "सॉफ्ट-हिंदुत्व लाइन" पर नहीं चलेगी, उससे केवल मोदी को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि सभी को इसे ध्यान में रखना चाहिए.
एंटनी के पैनल ने की थी पार्टी की हार की समीक्षा
2014 में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) के बाद , एंटनी की अध्यक्षता में एक कांग्रेस पैनल ने पार्टी की हार की समीक्षा की थी. कहा जाता है कि समिति ने पाया था कि चुनावों को धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता के बीच लड़ाई के रूप में पेश करने से कांग्रेस की संभावनाओं पर असर पड़ा था, जिसे अल्पसंख्यक समर्थक के रूप में पहचाना गया था. समिति ने माना था कि पार्टी की "मुस्लिम तुष्टिकरण नीति" भी प्रतिकूल साबित हुई.
जब एंटनी ने अपनाया 'अल्पसंख्यक विरोधी रुख'
एंटनी अतीत में भी कई मौकों पर पार्टी में इस तरह की राजनीति को लेकर बात कर चुके हैं. 2003 में मुख्यमंत्री रहते हुए, उन्होंने केरल में कोझिकोड के मराड में हुई एक सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों के पुनर्वास की समय सीमा निर्धारित करने के लिए कांग्रेस के सहयोगी यूडीएफ और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की आलोचना की थी.
उन्होंने कहा था, “केरल में अल्पसंख्यक खासा संगठित हैं. उन्होंने सामूहिक प्रयासों से सरकार से खूब विशेषाधिकार और लाभ प्राप्त किए हैं. शेष भारत के उलट, यहां के अल्पसंख्यक समुदाय राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों पर हावी हैं, इसलिए उन्हें इसमें अनुमति नहीं दी जा सकती है." एंटनी इस तरह के बयान को अगले वर्ष होने हुए लोकसभा चुनाव में केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की हार के कारणों में से एक माना गया. कई लोगों ने कहा कि एंटनी ने अल्पसंख्यक विरोधी रुख अपनाकर ठीक नहीं किया था.
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Source: IOCL























