पाकिस्तानी महिला से निकाह करने वाला बर्खास्त CRPF जवान जाएगा कोर्ट, सरकार के खिलाफ करेगा केस
Munir Ahmed: मुनीर अहमद ने बताया कि 2022 में विभाग से शादी की परमिशन मांगी थी, लेकिन देरी हुई. इसके बाद 24 मई 2024 को पाकिस्तानी मीनल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शादी हुई थी.

CRPF Dismissed Jawan Munir Ahmed: पाकिस्तानी महिला से शादी की बात छिपाने के आरोप में सीआरपीएफ जवान मुनीर अहमद को बर्खास्त किया गया था, जिसके बाद मुनीर ने मीडिया के सामने आकर अपनी सफाई दी है. मुनीर अहमद ने कहा कि उसने विभाग को अपनी शादी के बारे में जानकारी दी थी और इसके लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी दिए थे. नौकरी से बर्खास्त किए जाने को लेकर मुनीर ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इंसाफ की गुहार लगाई. इसके साथ ही उसमे कहा कि वो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे.
मुनीर अहमद से जब पूछा गया कि अब आपके पास क्या विकल्प हैं, क्या आप कानून की शरण में जाएंगे? इसके जवाब में बर्खास्त जवान ने कहा कि जरूर मैं हाई कोर्ट से अपील करूंगा कि मुझे इंसाफ दिलाया जाए. इसके लिए हमने वकील से भी बात की है. मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से भी अपील करता हूं कि मुझे इंसाफ दिलाया जाए.
विभाग से मांगी थी शादी की परमिशन: मुनीर
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुनीर अहमद ने बताया कि 2022 में उसने विभाग से शादी की परमिशन मांगी थी, लेकिन देरी हुई. इसके बाद 24 मई 2024 को पाकिस्तानी मीनल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शादी हुई थी. शादी की बात अधिकारियों को भी बताई गई थी. इसके लिए सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी दिए थे, जिसमें शादी का कार्ड, शादी की जगह और पत्नी के वीजा से जुड़ी जानकारी थी.
बर्खास्त जवान ने की पीएम मोदी से अपील
बर्खास्त जवान ने कहा, 'मैं पीएम और होम मिनिस्टर से अपील करता हूं कि मेरे साथ इंसाफ होना चाहिए. जो मेरे साथ किया जा रहा है ये मेरे पास प्रूफ हैं. मैंने डिपार्टमेंट को भी इंफॉर्म किया है. अचानक मेरे साथ ऐसे किया जा रहा है. एक तो वीजा के लिए और दूसरा सर्विस से इस तरह निकालना. हम परेशान हैं. इसके लिए हम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने गुहार लगाते हैं.'
3 मई को CRPF ने मुनीर अहमद को किया बर्खास्त
बीती 3 मई 2025 को CRPF ने मुनीर अहमद को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था. सीआरपीएफ ने कहा कि मुनीर ने पाकिस्तानी महिला से शादी की बात छिपाई और गैरकानूनी तरीके से उसे भारत में बिना वीजा के रखा, जोकि ये नेशनल सिक्योरिटी के खिलाफ है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने को कहा गया था. 30 अप्रैल को मीनल को भी अटारी बॉर्डर ले जाया गया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उसको पाकिस्तान नहीं भेजा गया.
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Source: IOCL























