'आप महानतम में से एक', CJI Chandrachud के विदाई भाषण में कपिल सिब्बल ने सुनाई स्पेशल Poem
CJI Chandrachud Farewell: चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के विदाई समारोह में एससीबीए के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके साहसिक निर्णय और दूरदर्शी दृष्टिकोण ने भारत की न्यायपालिका पर एक अमिट छाप छोड़ी है.

CJI Chandrachud Farewell: भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ शुक्रवार (10 नवंबर 2024) को रिटायर हो जाएंगे.सीजेआई के लास्ट वर्किंग डे पर उनके सम्मान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने 8 नवंबर, 2024 को विदाई समारोह आयोजित किया. जिसमें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने अपने विदाई भाषण में मुख्य न्यायाधीश के लिए एक विशेष कविता सुनाई. उन्होंने कहा कि आप इस देश के सबसे महान न्यायाधीशों में से एक.
दरअसल, एससीबीए के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की जमकर तारीफ की. सिब्बल ने CJI के सम्मान में लिखी गई एक कविता सुनाई. उन्होंने कहा, "जब हम न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के बारे में लिखेंगे, तो हम उनके निर्णयों, उनके तरीके, उनकी सादगी, उनके धैर्य पर चर्चा करेंगे. सभी गुण, इस देश के सबसे महान न्यायाधीशों में से एक." न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के कार्यकाल में बोल्ड डिसिशन और दूरदर्शी दृष्टिकोण ने भारत की न्यायपालिका पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उनके पद छोड़ने पर पूरा लीगल कम्युनिटी राष्ट्र और संविधान में उनके दिए योगदान का जश्न मनाते हुए उन्हें इमोशनल विदाई दे रहा है".
'जटिल मुद्दों से निपटने के लिए तैयार थे चीफ जस्टिस'
सिब्बल ने कहा “चीफ जस्टिस की दूसरी खूबी यह थी कि वे इन जटिल मुद्दों से निपटने के लिए तैयार थे और मैं यह कहने की हिम्मत करता हूं कि पिछले चीफ जस्टिस खुद को सालों तक इन मुद्दों से निपटने की अनुमति नहीं देते थे,चाहे वह 370 हो या समलैंगिक विवाह हो, या चुनावी बॉन्ड हो, या ऐसे कोई भी बड़े मुद्दे हों जो वास्तव में हमारे अस्तित्व की रूपरेखा को बदलते हैं. आप इसे आगे बढ़ाने के लिए तैयार थे, आप उन कॉम्प्लीकेशन्स के दायरे में मुद्दों को संबोधित करने के लिए तैयार थे और आपने उन्हें बहुत स्पष्टता के साथ एड्रेस किया".
'इस बात के लिए आपको सलाम'
उन्होंने आगे कहा "इसलिए हमें आपके किए गए सभी कार्यों के लिए आपको धन्यवाद देना चाहिए,हो सकता है कि हम आपसे सहमत न हों, यह जरूरी नहीं है कि हम सहमत हों, लेकिन कम से कम हमें इस बात के लिए आपको सलाम करना चाहिए कि आप उन कॉम्प्लीकेशन्स से निपटने के लिए तैयार थे, इच्छुक थे.”
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