महादेव बुक ऐप मामले में सीबीआई का बड़ा एक्शन, FIR में पूर्व सीएम भूपेश बघेल को बनाया आरोपी
महादेव बुक एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है, जिसे रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर ने प्रमोट किया था. ऐप से जुड़े पैनल ओनर्स ग्राहकों से संपर्क करते थे और उन्हें यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराते थे.

Mahadev Satta App: महादेव बुक ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई ने अपनी FIR में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी बनाया है. बीते हफ्ते जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले में छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली समेत 60 से अधिक जगहों पर छापेमारी की थी. पहले ये मामला छत्तीसगढ़ की EOW द्वारा दर्ज किया गया था. जिसे बाद में राज्य सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया था. अब इस घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया गया है. इससे पहले EOW की एफआईआर में भी उनका नाम दर्ज था.
दरअसल महादेव बुक एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है. जिसे रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर ने प्रमोट किया था. इनके साथ शुभम सोनी उर्फ पिंटू और अनिल कुमार अग्रवाल उर्फ अतुल अग्रवाल भी इस नेटवर्क से जुड़े हुए है. ये सभी फिलहाल दुबई में रह रहे हैं. ये प्लेटफॉर्म कोरोना काल के बाद तेजी से उभरा और इसे ऑफलाइन सट्टेबाजी का डिजिटल विकल्प बताया गया. महादेव बुक विभिन्न वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर गुप्त ग्रुप्स के जरिए चलाया जाता था.
455 करोड़ तक पहुंच गया था महादेव ऐप का मंथली टर्नओवर
महादेव बुक ऐप मल्टी-लेवल मार्केटिंग मॉडल की तरह काम करता था. इसमें क्लाइंट्स को 'पैनल ओनर्स' के जरिए जोड़ा जाता था. जो यूजर आईडी बनाकर सट्टेबाजी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते थे. ये पैनल सिस्टम एक तरह की फ्रेंचाइजी की तरह काम करता था. जहां प्रमोटर्स अपने पैनल ओनर्स को 70-80% तक का मुनाफा देते थे. ऐप से जुड़े पैनल ओनर्स व्हाट्सएप के जरिए ग्राहकों से संपर्क करते थे और उन्हें सट्टेबाजी के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराते थे. इस ऐप का मासिक टर्नओवर 455 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.
अब तक की जांच में क्या सामने आया?
जांच में सामने आया है कि इस अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रमोटर्स ने कई सरकारी अधिकारियों को 'प्रोटेक्शन मनी' के रूप में भारी रकम दी थी. सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण डिजिटल और दस्तावेजी सबूत जब्त किए है. जिनमें वित्तीय लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड शामिल है. इस मामले की जांच ED के पास भी है. ED के मुताबिक 3 नवंबर 2023 को इसी मामले में एक कोरियर आसिम दास को गिरफ्तार किया गया था और उसके पास से 5.39 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी. पूछताछ में उसने बताया था कि ये रकम भूपेश बघेल के लिए थी. जांच में ये भी सामने आया था कि महादेव बुक के प्रमोटरों ने कई सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देकर अपने नेटवर्क को सुरक्षित रखा. सीबीआई अभी भी इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही और बड़े खुलासे हो सकते है.
Source: IOCL























