'BSP में चल रहा है सांप-सीढ़ी का खेल', मायावती ने आकाश आनंद को किया पार्टी से बाहर तो बोले जगदंबिका पाल
मायावती के फैसले पर आकाश आनंद ने कहा कि वह इसे एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं. वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया कि बसपा में सांप-सीढ़ी का खेल चल रहा है. जनता अब बसपा की अंदरूनी राजनीति को समझ रही है.

Akash Anand Reaction On Mayawati Decision: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाने के बाद सोमवार (03 मार्च,2025 ) को पार्टी से भी निकाल दिया. इस फैसले पर आकाश आनंद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह करियर के लिए नहीं, बल्कि करोड़ों दलितों के स्वाभिमान के लिए लड़ रहे हैं.
उन्होंने एक्स पर लिखा, "विपक्षी दल के कुछ लोग सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले के कारण मेरा राजनीतिक करियर खत्म हो गया है. उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन आंदोलन करियर नहीं बल्कि करोड़ों दलितों, शोषितों, वंचितों और गरीबों के स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लड़ाई है," उन्होंने मायावती की भी जमकर तारीफ की.
'परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी'
उन्होंने कहा कि मायावती का निर्णय उनके लिए भावनात्मक रूप से कठिन है, लेकिन वह इसे एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मायावती का हर निर्णय उनके लिए पत्थर की लकीर की तरह है, और वह उनके हर फैसले का सम्मान करते हैं.
मायावती ने क्या कहा?
दरअसल, रविवार (02 मार्च,2025 ) को हुए इस बड़े फेरबदल में मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया. सोमवार को उन्होंने आकाश आनंद को पूरी तरह बसपा से निकाल दिया. मायावती ने कहा कि आकाश की प्रतिक्रिया स्वार्थी और अहंकारी थी. उनका रवैया उनके ससुर के प्रभाव में स्वार्थी, अहंकारी और गैर-मिशनरी है.
भाजपा का हमला
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने मायावती के इस फैसले पर कटाक्ष करते हुए कहा, "मुझे नहीं पता कि यह मायावती की पार्टी है या कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी." उन्होंने आरोप लगाया कि बसपा में सांप-सीढ़ी का खेल चल रहा है. आकाश आनंद को पहले राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया और फिर रातोंरात हटा दिया गया. जनता अब बसपा की अंदरूनी राजनीति को समझ रही है.
बता दें कि मायावती के इस फैसले ने बसपा में आंतरिक कलह को उजागर कर दिया. आकाश आनंद ने इसे बहुजन आंदोलन से जोड़ने की कोशिश की, जबकि मायावती ने इसे संगठन के हित में लिया गया फैसला बताया.
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Source: IOCL























