West Bengal SIR: TMC के टिकट पर चुनाव जीतने वाला प्रधान 'बांग्लादेशी', मां-बाप के नाम भी फर्जी- BJP
West Bengal News: पश्चिम बंगाल के कालना में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर प्रधान बनीं श्राबंती मंडल पर बीजेपी ने बड़ा आरोप लगाया है. पार्टी का कहना है कि प्रधान 'बांग्लादेशी' हैं.

West Bengal News: पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान के कालना क्षेत्र में SIR के माहौल के बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है. हाटकालना ग्राम पंचायत में टीएमसी की प्रधान श्राबंती मंडल पर बीजेपी ने गंभीर आरोप लगाए गए हैं. बीजेपी नेताओं ने श्राबंती को अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिया बताते हुए उप-मंडल शासक (एसडीओ) को एक लिखित शिकायत सौंपी है.
यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह के आरोप सामने आए हों. कुछ दिन पहले ही उत्तर 24 परगना के स्वरूपनगर में तृणमूल ने बीजेपी के एक पंचायत सदस्य पर आरोप लगाया था कि उसका नाम भारत और बांग्लादेश दोनों देशों की मतदाता सूची में दर्ज है. अब कालना में इसी तरह के आरोपों ने राजनीतिक माहौल और गरमा दिया है.
2020 में बांग्लादेश से आईं श्राबंती- बीजेपी
बीजेपी का आरोप है कि श्राबंती मंडल मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली हैं और साल 2020 में अवैध तरीके से भारत आईं. आरोप है कि वे कालना के मुक्तारपुर गांव में अपने पति बनमाली मंडल के साथ रहने लगीं और उसके बाद पड़ोसी सचिन ब्यापारी को पिता दिखाकर भारतीय मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाया. बीजेपी का यह भी दावा है कि उनका जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (SC सर्टिफिकेट) और कई अन्य डॉक्यूमेंट फर्जी हैं.
कालना बीजेपी मंडल अध्यक्ष गौर मंडल ने कहा, जिन्हें माता-पिता दिखाकर नाम दर्ज कराया गया है, वे असली माता-पिता नहीं हैं. उनके डॉक्यूमेंट भी नकली हैं. हमारे पास इसके सबूत हैं और जांच में सत्य सामने आ जाएगा.
सब आरोप झूठे, साबित करें बीजेपी- श्राबंती
इन गंभीर आरोपों पर तृणमूल प्रधान श्राबंती मंडल ने सख्त प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह सब राजनीतिक साजिश है और बीजेपी बिना सबूत के आरोप लगा रही है. श्राबंती ने कहा, ये सब पूरी तरह झूठ है. जो आरोप लगा रहे हैं, वे साबित करके दिखाएं. मैं बचपन में ही अपने माता-पिता के साथ यहां आई थी. यह 2000 से पहले की बात है. मेरे सभी डॉक्यूमेंट सही हैं.
तृणमूल ने किया श्राबंती का बचाव
कालना के तृणमूल विधायक देवप्रसाद बाग ने भी श्राबंती का समर्थन किया. उन्होंने साफ कहा कि श्राबंती कालना की ही लड़की हैं, वहीं की स्कूल में पढ़ाई की है और सभी प्रमाण पत्र स्थानीय स्तर पर जारी हुए हैं. विधायक के मुताबिक, उनका पूरा रिकॉर्ड सही है. इन्हीं डॉक्यूमेंटों के आधार पर वे पंचायत चुनाव जीतीं और प्रधान बनीं.
SDO ने जांच का दिया आश्वासन
बढ़ते विवाद को देखते हुए उप-मंडल शासक (SDO) ने मामले की पूरी तरह जांच कराने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंटों की जांच की जाएगी और जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर उचित कार्रवाई होगी.
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Source: IOCL






















