BJP ने खारिज किया 'प्रियंका की जासूसी' का दावा, कहा- कांग्रेस ने पहले भी ऐसी कल्पना की जो थी ही नहीं
जासूसी को लेकर विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर निशाना साध रही है. कांग्रेस ने आज दावा किया कि व्हाट्सएप हैकिंग की शिकार उसकी महासचिव प्रियंका गांधी भी हुई हैं.

नई दिल्ली: बीजेपी ने कांग्रेस के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि प्रियंका गांधी को भी व्हाट्सएप के जरिए जासूसी का निशाना बनाया गया. बीजेपी की ओर से दावे को खारिज करते हुए कहा गया कि कांग्रेस चीजों की कल्पना कर रही है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि क्या हमने कांग्रेस को ऐसी चीजों की कल्पना करते नहीं देखा है, जो थी ही नहीं?
अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा, "क्या हमने कांग्रेस को ऐसी चीजों की कल्पना करते नहीं देखा है, जो थी ही नहीं ? उन्होंने कहा, "उनके उस दावे को याद कीजिए, जब एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक वीडियो कैमरा की एक हरी लाइट राहुल गांधी के चेहरे पर पड़ गई तो उनके जीवन को खतरा बताया गया था. उनके नेताओं की सार्वजनिक जीवन में विश्वसनीयता का यही स्तर है."
बता दें कि अप्रैल में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने गांधी के चेहरे पर एक हरी लाइट के चमकने को एक गंभीर सुरक्षा चूक बताया था. लेकिन यह दावा तब खोखला साबित हुआ, जब पाया गया कि यह लाइट एआईसीसी के लिए काम कर रहे एक कैमरामैन के मोबाइल से निकली थी.
कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की जासूसी को लेकर क्या दावा किया? कांग्रेस की ओर केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी का भी फोन हैक किया गया. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रियंका गांधी को भी फोन हैक करने वाला मैसेज आया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार इस जासूसी मामले की जांच करवाए. बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी फोन हैकिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर मेरा फोन टैप किया गया था.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''जहां तक मुझे जानकारी है व्हाट्सएप ने कथित तौर पर उन लोगों को मैसेज भेजा जिनके फोन हैक हुए , ऐसा ही एक मैसेज व्हाट्सएप की तरफ से प्रियंका गांधी वाड्रा को भी भेजा गया. व्हाट्सएप ने ये नहीं कहा (अपने मैसेज में) कि फोन को अवैध पिगैसस सॉफ्टवेयर की मदद से हैक किया गया , लेकिन जो मैसेज उन्होंने सबको भेजा उसके बारे में आम लोग जानते हैं और ऐसा ही एक मैसेज प्रियंका गांधी को भी आया है.'' इस सबके बीच सबसे बड़ा सवाल है कि प्रधानमंत्री ने अब तक इस मामले में चुप्पी क्यों साध रखी है.
बता दें कि गुरुवार को खुद व्हाट्सएप ने कहा था कि इसराइल की साइबर इंटेलिजेंस कंपनी NSO ने अपने स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया और मई में कई पत्रकारों, वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की.
Source: IOCL























