एक्सप्लोरर

Bihar Caste Survey: पहली जनगणना के वक्‍त था अंग्रेजों का राज, 1881, 31, 41 और साल 51 में क्‍या हुआ, जानें डिमांड, इतिहास, पक्ष-विपक्ष सबकुछ

लंबे समय से चली आ रही जातिगत जनगणना की मांग को फिर से हवा मिल गई है. बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए हैं, जिसे लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हमला बोला है.

Bihar Caste Survey Results: बिहार सरकार की ओर से सोमवार (2 अक्टूबर, 2023) को कास्ट सर्वे के आंकड़े जारी किए गए. रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत, सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत है. बिहार के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार की 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में सवर्णों की संख्या 15.52 फीसदी, भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, ब्रह्माणों की आबादी 3.66 प्रतिशत, कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, मुसहर की आबादी 3 फीसदी, यादवों की आबादी 14 फीसदी और राजपूतों की आबादी 3.45 फीसदी है.

बिहार के कास्ट सर्वे के मुताबिक, हिंदू आबादी 81.99 फीसदी, मुसलमानों की 17.70 फीसदी, ईसाई की 0.05 फीसदी, सिखों की 0.011 फीसदी, बौद्ध की 0.0851 फीसदी, जैन समुदाय की 0.0096 फीसदी और अन्य धर्मों की आबादी 0.1274 फीसदी है. रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार में 2146 ऐसे लोग हैं, जो किसी धर्म को नहीं मानते हैं. बिहार सरकार की ओर से जारी कास्ट सर्वे के आंकड़े जनगणना से पूरी तरह अलग हैं. देश में पहली बार 1881 में जनगणना हुई थी, उसके बाद कब-कब जनगणना हुई आइए जानते हैं-

कब-कब हुई जनगणना?
देश में जनगणना की शुरुआत ब्रिटिश राज में हुई थी. साल 1881 में पहली बार जनगणना के आंकड़े जारी किए गए थे और उसके बाद हर 10 साल में जनगणना की जाती थी. उस समय जातिवार जनगणना की जाती थी. जातिगत जनगणना के आंकड़े आखिरी बार 1931 में जारी किए गए थे. हालांकि, उसके बाद 1941 में भी जातिगत जनगणना हुई थी, लेकिन उसके आंकड़े जारी नहीं किए जा सके थे. जातिगत जनगणना में 1941 के बाद से अनुसूचित जाति और जनजाति की जनगणना होती है, लेकिन बाकी जातियों की अलग से जनगणना नहीं होती है. अब जनगणना में सिर्फ धर्मों के आंकड़े जारी किए जाते हैं. इसके बाद साल 1951 में जनगणना हुई थी.

जातीय जनगणना की मांग कब-कब उठी?
देश में जब भी जनगणना होती है तो जातिगत जनगणना की भी मांग उठती है. आजादी के बाद जब पहली बार जनगणना हुई थी तो जातीय जनगणना की मांग उठी, लेकिन तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल ने प्रस्ताव खारिज कर दिया. उनका ऐसा मानना था कि इससे देश का ताना-बाना बिगड़ सकता है. इसके बाद भी कई बार जातिगत जनगणना की मांग उठी, लेकिन हर बार यही दलील देकर इसे खारिज कर दिया गया. साल 2011 की जनगणना के दौरान भी राजनीतिक दलों ने जातीय जनगणना की फिर से मांग उठाई और बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे ने संसद में इसके पक्ष में बयान दिया. उस साल सरकार ने सामाजिक-आर्थिक जनगणना कराई, लेकिन उसके आंकड़े पेश नहीं किए गए. 

जातीय जनगणना पर सरकार का क्या रुख?
जातीय जनगणना की मांग समय-समय उठती रही है. जहां विपक्ष इसके समर्थन में है, वहीं बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में कास्ट सर्वे कराकर इसे हवा दे दी है. वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा है कि जाति जनगणना लोगों की आंख में धूल झोंकने जैसी है. गिरिराज सिंह ने कहा, 'जाति जनगणना भी हास्यस्पद है. जाति जनगणना पेश करने से पहले लालू- नीतीश ये बताते कि अब तक उन्होंने गरीबो को रोजगार दिया, नौकरी दी.... ये आंख मे धूल झोंकने वाली जाति जनगणना है.' इससे पहले 16 मार्च, 2021 को संसद में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि सरकार से स्वतंत्रता के बाद एससी-एसटी के अलावा जाति-वार जनसंख्या की गणना नहीं करने का फैसला लिया है.

विपक्ष की क्या है मांग?
कई विपक्षी दलों ने जातिगत जनगणना की मांग की है. 18 जुलाई, 2023 को बेंगलुरु में हुई विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की बैठक में भी जातिगत जनगणना की मांग की गई थी. इसके पक्ष में तर्क दिए जा रहे हैं कि विकास कार्यक्रम बनाने सरकारी नीतियों और योजनाओं के लिए यह जरूरी है. इससे पता चलेगा कि कौन सी जाति पिछड़ेपन का शिकार है और आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा की वास्तिवक जानकारी मिलेगी. विपक्षी दलों का यह भी कहना है कि जब एससी-एसटी की जनगणना होती है तो बाकी जातियों के लिए क्यों नहीं.

कौन करा सकता है देश में जनगणना? क्या हैं केंद्र और राज्य के अधिकार
संविधान के मुताबिक, जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है. 1948 के जनगणना एक्ट के तहत कहा गया है कि जनगणना के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति और जानकारी इकट्ठा करने का अधिकार केंद्र के पास होता है. वहीं, राज्य सरकार सर्वेक्षण करा सकती है. कानून के जानकार बताते हैं कि सर्वेक्षण के तहत आंकड़े जुटाने के लिए राज्य सरकार कमेटी या आयोग का गठन कर सकती है.

बिहार में जातीय सर्वे की टाइमलाइन
18 फरवरी 2019 - कास्ट सर्वे का प्रस्ताव बिहार विधानसभा से पास
27 फरवरी 2020 - सर्वे का प्रस्ताव बिहार
2 जून 2022 - बिहार सरकार की कैबिनेट ने कास्ट सर्वे को हरी झंडी दी
7 जनवरी 2023 – बिहार में कास्ट सर्वे का काम शुरू हुआ
4 मई 2023 - 3 जुलाई तक पटना हाईकोर्ट ने कास्ट सर्वे पर अंतरिम रोक लगाई
7 जुलाई 2023 - पांच दिनों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा
1 अगस्त 2023 - पटना हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक हटाई, सरकार के कास्ट सर्वे करने के निर्णय को सही ठहराया
19 अगस्त 2023 – सुप्रीम कोर्ट ने जाति आधारित सर्वे के नतीजों के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार किया
25 अगस्त 2023 – सीएम नीतीश कुमार ने कहा– सर्वेक्षण पूरा हो चुका है..जल्द ही आंकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे

यह भी पढ़ें:-
Caste Survey Report: पहले भी हो चुकी है जाति आधारित गणना, फिर क्यों जारी नहीं किए गए थे आंकड़े?

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

तुर्किए ने बढ़ाई इजरायल और अमेरिका की टेंशन, बना लिया सबसे घातक बम, पल भर में मचा सकता है तबाही
तुर्किए ने बढ़ाई इजरायल और अमेरिका की टेंशन, बना लिया सबसे घातक बम, पल भर में मचा सकता है तबाही
भोपाल को मिलेगी अत्याधुनिक मेट्रो, 90km प्रति घंटे की रफ्तार, 7000 करोड़ की होगी लागत
भोपाल को मिलेगी अत्याधुनिक मेट्रो, 90km प्रति घंटे की रफ्तार, 7000 करोड़ की होगी लागत
IND vs ENG 4th Test: भारत के 5 'लेफ्टी' बल्लेबाजों ने मैनचेस्टर में रचा इतिहास, पहली बार एक ही टेस्ट में किया ये बड़ा कारनामा
भारत के 5 'लेफ्टी' बल्लेबाजों ने मैनचेस्टर में रचा इतिहास, पहली बार एक ही टेस्ट में किया ये बड़ा कारनामा
कभी दिखाई आंख, अब जोड़े हाथ... ढाका विमान हादसे के बाद भारतीय डॉक्टर्स की दरियादिली पर क्या बोले मोहम्मद यूनुस?
कभी दिखाई आंख, अब जोड़े हाथ... ढाका विमान हादसे के बाद भारतीय डॉक्टर्स की दरियादिली पर क्या बोले मोहम्मद यूनुस?
Advertisement

वीडियोज

Viral News: मन की बात के दौरान मारपीट | ABP News
Haridwar Stampede: मनसा देवी मंदिर में भगदड़ में मारे गए लोगों को कब मिलेगा न्याय?| Janhit | 27 July
Mansa Devi Stampede: मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़ में हुई 6 मौतों का जिम्मेदार कौन?
Bihar में बढ़ते अपराध को देख Chirag Paswan ने Nitish Kumar पर उठाया सवाल | Sandeep Chaudhary
Mansa Devi Temple Stampede: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में किस वजह से मची भगदड़, सामने आई वजह
Advertisement
corona
corona in india
470
Active
29033
Recovered
165
Deaths
Last Updated: Sat 19 July, 2025 at 10:52 am | Data Source: MoHFW/ABP Live Desk
Advertisement

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
तुर्किए ने बढ़ाई इजरायल और अमेरिका की टेंशन, बना लिया सबसे घातक बम, पल भर में मचा सकता है तबाही
तुर्किए ने बढ़ाई इजरायल और अमेरिका की टेंशन, बना लिया सबसे घातक बम, पल भर में मचा सकता है तबाही
भोपाल को मिलेगी अत्याधुनिक मेट्रो, 90km प्रति घंटे की रफ्तार, 7000 करोड़ की होगी लागत
भोपाल को मिलेगी अत्याधुनिक मेट्रो, 90km प्रति घंटे की रफ्तार, 7000 करोड़ की होगी लागत
IND vs ENG 4th Test: भारत के 5 'लेफ्टी' बल्लेबाजों ने मैनचेस्टर में रचा इतिहास, पहली बार एक ही टेस्ट में किया ये बड़ा कारनामा
भारत के 5 'लेफ्टी' बल्लेबाजों ने मैनचेस्टर में रचा इतिहास, पहली बार एक ही टेस्ट में किया ये बड़ा कारनामा
कभी दिखाई आंख, अब जोड़े हाथ... ढाका विमान हादसे के बाद भारतीय डॉक्टर्स की दरियादिली पर क्या बोले मोहम्मद यूनुस?
कभी दिखाई आंख, अब जोड़े हाथ... ढाका विमान हादसे के बाद भारतीय डॉक्टर्स की दरियादिली पर क्या बोले मोहम्मद यूनुस?
स्मृति ईरानी के शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' पर कुमार विश्वास ने किया रिएक्ट, बोले- 'मैंने कहा था ये मत छोड़िएगा'
स्मृति ईरानी के शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' पर कुमार विश्वास ने किया रिएक्ट, बोले- 'मैंने कहा था ये मत छोड़िएगा'
World Hepatitis Day: क्या हेपेटाइटिस से हो सकती है मौत, जान लें यह कितनी खतरनाक बीमारी?
क्या हेपेटाइटिस से हो सकती है मौत, जान लें यह कितनी खतरनाक बीमारी?
विदेश की नन्हीं परियों ने किया बॉलीवुड गानों पर डांस! लहंगे में थिरकते देख यूजर्स ने हारे दिल- वीडियो वायरल
विदेश की नन्हीं परियों ने किया बॉलीवुड गानों पर डांस! लहंगे में थिरकते देख यूजर्स ने हारे दिल- वीडियो वायरल
भारत में सबसे ज्यादा बोली जाती है यह भाषा, देखें टॉप-5 लैंग्वेज की पूरी लिस्ट
भारत में सबसे ज्यादा बोली जाती है यह भाषा, देखें टॉप-5 लैंग्वेज की पूरी लिस्ट
Embed widget